Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
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(२१) पुप्फियाणं ३ सुक्के [૨]
萬事! 蛋蛋蛋蛋蛋蛋蛋OTOR
जाव संपत्तेणं उक्खेवओ भाणियव्वो रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए सेणिए राया सामी समोसढे परिसा निग्गया तेणं कालेणं तेणं समएणं सुक्के महग्गहे सुक्कवडिस विमाणे सुक्कंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जहेव चंदो तहेव आगओ नट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगओ भंते त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं पुच्छा कूडागारसाला दिट्ठतो पुव्वभवपुच्छा एवं खलु गोयमा तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी नामं नयरी होत्था तत्थ णं वाणारसीए नयरीए सोमिले नामं माहणे परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए रिउव्वेय जाव बहूसु बंभण्णेसु य सत्थेसु सुपरिनिट्ठिए पासे समोसढे परिसा, पज्जुवासइ तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स इमीसे कहाए लद्धट्ठस्स समाणस्स इमे एयारुवे अज्झत्थिए जाव एवं खलु पासे अरहा पुरिसादाणीए पुव्वाणुपुव्विं जाव अंबसालवणे विहरइ तं गच्छामि
पास अरहओ अंतिए पाउब्भवामि इमाई च णं एयारुवाइं अट्ठाई हेऊइं हेऊइं जहा पन्नत्तिए जाव संबुद्धे सावगधम्मं पडिवज्जित्ता पडिगए तए णं पासे अरहा अन्नया या वाणारसीओ नयरीओ अंबसालवणाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता बहिया जणवयविहारं विहरइ, तए णं से सोमिले माहणे अण्णया कयाइ असाहुदंसणेण य अपज्जुवासणयाए य मिच्छत्तपज्जवेहिं परिवड्ढमाणेहिं सम्मत्तपज्जवेहिं परिहायमाणेहिं मिच्छत्तं विप्पडिवण्णे तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुटुंबजागरियं जागरमाणस्स जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु अहं वाणारसीए नयरीए सोमिले नामं माह अच्वंतमाहण-कुलप्पसूए तए णं मए वयाई चिण्णाई जाव जूवा निक्खित्ता तं सेयं खलु मम इयाणि कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव उट्ठियम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दियरे तेयसा जलते वाणारसीए नयरीए बहिया बहवे अंबारामे य माउलिंगारामे य बिल्लारामे य कविद्वारामे य चिंचारामे य पुप्फारामे य रोवावित्तए एवं संपेहेइ संपेहेत्ता कल्लं पाउप्पभायाए जाव पुप्फारामे य रोवावेइ तए णं बहवे अंबारामा य जाव पुप्फारामा य अणुपुव्वेणं सारक्खिज्जमाणा संगोविज्जमाणा संवडिज्नमाणा आराम जाया किण्हा किण्होभासा जाव रम्मा महा-मेहनिकुरंबभूया पत्तिया पुष्प्फिया फलिया हरियगरेज्जिमाणसिरीया अईव - अईव उवसोभेमाणा चिट्ठति तए णं स्स सोमिलस्स माहणस्स अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु अहं वाणारसीए नयरीए सोमिले नामं माहणे अच्वंतमाहण कुलप्पसूए तए णं मए वयाई चिण्णाई जाव जूवा निक्खित्ता तए णं मए वाणारसीए नयरीए बहिया बहवे अंबारामा जाव पुप्फारामाय रोवाविया तं सेयं खलु ममं इयाणिं कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव उट्ठियम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणयरे तेयसा जलते सुबहुं सोहकडाकडुच्छुयं तंबियं तावसभडं घडावेत्ता विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेत्ता मित्त-नाइ - जाव सम्माणेत्ता तस्सेव मित्त- नाइ० पुरओ जेट्ठपुत्तं कुटुंबे ठावेत्ता तं मित्त ० जेट्ठपुत्तं च आपुच्छित्ता सुबहु लोहकडाहकडुच्छुयं तंबियं तावसभंडंग गहाय जे इमे गंगाकूला वाणपत्था तावसा भवंति लोहकडाहकडुच्छ्रयं तंबिय तावसभंडंग गहाय जे इमे गंगाकूला वाणपत्था तावसा भवंति लोहकडाहकडुच्छुयं तंबियं तावसभंडगं गहाय जे इमे गंगाकूला वाणपत्था तावसा भवंति तं जहा - होत्तिया पोत्तिया कोत्तिया जण्णई सड्ढई थालइ हुंबरट्टा दंतुक्खलिया उम्मज्जगा संमज्जगा निमज्जगा संपक्खालगा दक्खिणकूला उत्तरकूला संखधमा कूलधमा मियलुद्धा हत्थितावसा उद्दंडगा दिसापोक्खिण वक्कवासिणो बिलवासिणो जलवासिणो रक्खमूलिया अंबुभक्खिणो वाउभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा तयाहारा पत्ताहारा पुप्फाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडिय-कंद-मूल-तय- पत्त- पुप्फ-फलाहारा जलाभिसेयकढिण-गायभूया आयावणाहिं पंचग्गिहतावेहिं इंगालस्सोल्लियं कंदुसोल्लियं कट्टसोल्लियं पिव अप्पाणं करे-माणा विहरंति तत्थ णं जेते दिसापोक्खिया तावसा तेसिं अंतिए दिसापोक्खिय तावस त्ताए पव्वइत्तए पव्वइए वि य णं समाणे इमं एयारुवं अभिग्गहं अभिगिण्हिस्सामि - कप्पर मे जावज्जीवाए छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं दिसाचक्कवालेणं तवोकम्मेणं उड्ढं बाहाओ पगिज्झियपगिज्झिय सूराभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स विहरित्तएत्तिकट्टु एवं संपेहइसंपेहेत्ता कल्लं पाउप्पभायाए जाव दिसापोक्खयतावसत्ताए पव्वइए, पव्वइए वि य णं समाणे इमं एयारुवं अभिग्गहं अभिगिन्हित्ता पढमं छट्ठक्खमणं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ तए णं सोमिले माहणरिसी पढमछट्ठक्खमण-पारणगंसि आयावणभूमिओ पच्चो रुह पच्चोरुहित्ता वागलवत्थनियत्थे जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता किढिणं-संकाइयं गेण्हइ गेण्हित्ता पुरत्थिमं दिसि पोक्खेइ पुरत्थिमाए दिसाए सोमे श्री आगमगुणमजूषा १२७२
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