Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
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(२१) पुफियाण अ. ५ पुन्नभद्दे, ६ मणिभद्दे ७-१० अज्झयण - [९]
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समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं निक्खेवओ० त्ति बेमि ।५। (२७)-५ ★★★ छटुं अज्झयणं-माणिभद्दे *** १०) जइ णं भंते समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं उक्खेवओ ० तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए सेणिए राया सामी समोसरिए तेणं कालेणं तेणं समएणं माणिभद्दे देवे सभाए सुहम्माए माणिभदंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जहा पुन्नभद्दो तहेव आगमणं नट्टविही पुव्वभवपुच्छा मणिवई नयरी माणिभद्दे गाहावई थेराणं अंतिए पव्वज्जा एक्कारस अंगाई अहिज्जइ बहूइं वासाइं परियाओ मासिया संलेहणा सट्ठि भत्ताइं माणिभद्दे विमाणे उववाओ दो सागरोवमाई ठिई महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ एवं खलु जंबु निक्खेवओ।६-११६-१***७-२०-अज्झयणाणि *** ११) एवं दत्ते सिवे बले अणाढिए सव्वे जहा पुन्नभद्दे देवे दो सागरोवमाई ठिई विमाणा देवसरिनामा पुव्वभवे दत्ते चंदणानामाए सिवे मिहिलाए बले हत्थिणपुरे नयरे अणाढिए काकंदीए चेइयाई-जहा संगहणीए ६। (२८)- पुप्फियाणं सम्मत्तं दसम उवंगं समत्तं
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