Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

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Page 34
________________ Ho$55555555 (23) वण्हिदसाणं [3] MORRO555 पाउणित्ता बायालीसं भत्ताइं अणसणाए छेएइ आलोइय-पडिक्कंते समाहिपत्ते आणुपुवीए कालगए तए णं से वरदत्ते अणगारे निसढं अणगारं कालगयं जाणित्ता जेणेव अरहा अरिट्ठनेमी तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता जाव एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी निसढे नाम अणगारे पगइभद्दए जाव विणीए सेणं भंते निसढे अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उववण्णे, वरदत्ता 0 सव्वट्ठसिद्धे वीमाणे देवत्ताए उववण्णे तत्थ णं 0 निसढस्स देवस्स तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई पन्नत्ता से णं भंते निसढे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव अनंतरं चयं चइत्ता 0 इहेव जंबुद्दीवे दीवे महाविदेहे वास उण्णाएं नयरे विसुद्धपिइमाइवंसे रायकुले पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ सेणं उम्मुक्कबालभावे विण्णयपरिणयमेत्तेजोव्वणगणमणुप्पत्तेतहारुवाणं थेराणं अंतिए केवलबोहिं बुज्झिहिइ बुज्झिहित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वज्जिहिइ से णं तत्थ अणगारे भविस्सइ-इरियासमिए जाव गुत्तबंभयारी से णं तत्थ बहूहिं० विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहूइं झूसेत्ता सढि भत्ताई अणसणाए छदेहिइ जस्सवाए कीरइ नग्गभावे मुंडभावे अण्हाणए अदंतवणए अच्छत्तए अणोवाहणए फलहसेज्जा कट्ठसेज्जा केसलोए बंभचेरवासे परधरवेसे पिंडवओ लद्धावलद्धे उच्चावया गामकंटगा अहियासिज्जति तमढें आराहेहिति आराहेत्ता चरिमेहिं उस्सासनिस्साहेहिं जाव सव्वदुक्खाणं अंतं काहिइ एवं खलु जंबू समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं निक्खेवओ 0 / 1-2 / (३०-२)२-१२-अज्झयणाणि 4) एवं सेसावि एक्कारस अज्झयणा नेयव्वा संगहणीअणुसारेणं एवं अहीण मइरित्तं एक्कारससुवि त्ति बेमि।१। (30) वण्हिदसाणं समत्तह बारसमं उवंगं समत्तंभ 明明明明明明明明明听乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听乐乐乐乐乐明乐乐C 乐听听听听听听乐明明明明明明听听听听听听听听乐明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听FOTO ROYo5555555555$$$$ // श्री आगमगुणमंजूषा 128455555555555555555555555555OOR

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