Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

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Page 28
________________ NORO (२१) पुप्फियाण ४ बहुपुत्तिया ५ पुन्नभद्दे [2] downlodgol ...अणाया सुव्वाणं अज्जाणं अंतिए ० पव्वइत्तए तए णं से रट्टकूडे सोमं माहणिं एवं वयासी मा णं तुमं देवाणुप्पिए इयाणि मुंडा भवित्ता ० पव्वयाहि भुंजाहि तावदेवाप्पिएमए सद्धिं विउलाई भोगभोगाई तओ पच्छा भुत्तभोई सुव्वयाणं अज्जाणं अंतिए ० पव्वयाहि तए णं सा सोमा माहणी रट्ठकूडस्स एयमट्टं पडिसुणेइ तए णं सा सोमा माहणी पहाया जाव अप्पमहग्धाभरणालंकियसरीरा चोडि-वरचक्कवालपरिकिण्णा साओ गिहाओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता विभेलं सण्णिवेसं मज्झमज्झेण जेणेव सुव्वयाणं अज्जाणं उवस्सए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता सुव्वयाओ अज्जाओ वंदइ नमसइ पज्जुवासह तए णं ताओ सुव्खयाओ अज्जाओ सोमाए माहणी विचित्तं केवलिपन्नत्तं धम्म परिकर्हेति जहा जीवा बज्झंति जहा जीवा मुच्छंति तए ण सा सोमा माहणी सुव्वयाणं अज्जाणं अंतिए दुवालसविहं धम्मं पडिवज्जर पडिवज्जित्ता सुब्बयाओ अज्जाओ वंदइ जाव नमंसित्ता जामेव दिसिं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया तए णं सा सोमा माहणी समणोवासिया जाया- अभिगयजीवाजीवा जाव अप्पाणं भावेमाणी विहरइ तए णं ताओ सुव्वयाओ अज्जाओ अण्णया कयाइ विभेलाओ सण्णिवेसाओं पड़िनिक्खमंति पडनिमित्ता बहिया जणवयबिहारं विहरंति तए णं ताओ सुव्वयाओ अज्जाओ अण्णया कयाइ पुव्वाणुपुव्विं चरमाणीओ जाव विहरंति तए णं सा सोमा माहणी इमसे कहाए लखट्टा समाणी हट्टा पहाया तहेव निम्गया जाव वंदइ नमसइ वंदित्ता नर्मसित्ता धम्मं सोच्चा जाव जं नवरंरट्टकूडं आपुच्छामि तए णं पव्वयामि अहासुहं तए णं सा सोमा माहणी सुव्वयाओ अज्जाओ वंदइ जाव जेणेव सए गिहे जेणेव रट्ठकूड़े तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहिया तहेव आपुच्छइ जाव पत्त असुहं देवाणुप्पिए मा पडिबंध ते णं से रट्ठकूड़े विउलं असणं तहेव जहा पुव्वभवे सुभद्दा जाव अज्जा जाया इरियासमिया जाव गुत्तेबंभयारिणी तए णं सा सोमा अज्जा सुव्वाणं अज्जाणं अंतिए सामाइयमाझ्याई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ अहिज्जित्ता बहूहिं छट्ठमदस्म - दुवालसेहिं जाव भावेमाणी बहूई वासाई सामण्णपरियागं पाउणइ पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसेत्ता सद्वि भत्ताई अणसणाए छेइत्ता आलोइय-पडिक्कंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सामाणियदेवत्ताए उववज्जिहि तत्थ णं अत्थेमइयाणं देवाणं दो सागरोवमाई टिई पन्नत्ता तत्थ णं सोमस्सवि देवस्स दो सागरोवमा ठिई पन्नत्ता से णं भंते सोमे देवताओ देवलोगओ आउक्खएणं भवक्खएमा ठिक्खएणं चयं चता कहिं गच्छिहि कहिं उतवज्जिहिद गोयमा महाविदेहे वासे जाव अंतं 38 SEL एवं खलु जंबू समणेणं भगवया महाबीरेण जाव सांपत्तेणं पुप्फियाणां चउत्यस्स अज्झयणस्स अयमट्टे पकते त्ति बेमि 181-8★★★ पंचम अज्झयाणंपुन्नभद्दे ★★★ ९) जइ णं भंदे समणेण भगवया महावीरेण उक्खेवओ एवं खलु जंबू तेणं कारणं तेणं समएणं सम्यगिहे नामं नवरे गुणसिलए चेइए सेणिए राखा. सामी समोसरिए परिसा निग्गया तेण कालेन तेणें समएणं पुन्नभद्दे देवे सोहम्मे कप्पे पुन्नभद्दे विमाणे समाप सुहम्माएं पुत्रमसि सीहासांसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जहा सूरिया जाव बत्तीसइविहं नट्टविहिं उवदंसित्ता जाव जामेव दिसिं पाउब्भूएतामेव दिसिं पडिगए कूडागारसाला पुष्कम्भवपुच्छा एवं खलु गोयमा तेणं कालेणं तेणं समए इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे मणिवइया नाम नयरी होत्था- रिद्धत्थिमिय समिद्धा चंदोतारायाण चेइए तत्थ णं मणिवइयाए नयरीए पुन्नभद्दे नाम गाहावई. परिवसईअड्ढे तेणं कालेणं तेणं समएणं थेरा भगवंतो जाइसंपन्ना जाव जीवियास-मरणभय- विप्षमुक्का बहुस्सुया बहुपरियारा पुव्वाणुपुच्विं चरमाणा जाव समोसढा परिसा निम्गया तए णं से पुनभद्दे गाहावई इमीसे कहाए लट्ठे समाणे हट्ठतुट्ठे जाव जहा पन्नत्तीए गंगदते तहेव निग्गच्छइ जाव निक्खतो जाव गुत्तबंभयारी तए णं से पुन्नभद्दे अणगारे तहारुवाणा घराणं भगवंताणं अंतिए सामाइयमाझ्याई एक्कारस अंगाई अहिनइ अहिज्जित्ता बहूहिं चउत्थ चट्ठट्ठम दसम - दुबालसेहिं नाव भावित्ता 'बहूई वासाई सामण्णपरियाम पाउणइ पाउणित्ता मासियाएं संलेहणाए अप्पाणं झोसेत्ता सट्टिं भत्ताइं अणसणाए छेदित्ता आलोइय पडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासेकाल - किच्चा सोहम्मे कप्पे पुन्नभद्दे विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि जाव भासमणपज्जत्तीए पज्जत्तभावं गए एवं खलु गोयमा पुन्नभद्दे देवेणं सा दिव्वा देविड्ढी जाव अभिसमण्णा गया पुन्नभद्दस्स देवस्स दो सागरोवमाई ठिई पन्नत्ता पुन्नभद्दे देवे ताओ देवलोगाओ ० महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिए एवं खलु जंबू ॐॐॐॐॐॐॐॐ श्री आगमगुणमानूषा १२७८

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