Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text ________________
.
.
६०४
-,
जीवाभिगमसूत्र तिरिक्खजोणियणपुंसगा विसेसा हिया' अप्कायिकनपुंसकापेक्षया वायुकायिकैकेन्द्रियतिर्यग्योनिकनपुंसका विशेषाधिका भवन्तीति । 'वणस्सइकाइयएगिदियतिरिक्खजोणियेणपुंसगा अणंतगुणा' वायुकायिकनपुंसकापेक्षया वनस्पतिकायिकैकेन्द्रियतिर्यग्योनिकनपुंसका अनन्तगुणाधिका भवन्तीति । पष्ठमल्पबहुत्वम् ।सू० २०॥
सम्प्रति विशेषतः सप्तमाष्टमाल्पवहुत्वमाह-'एयासि णं भंते ! मस्सित्थीर्ण' इत्यादि.
मूलम्-'एयासिणं भंते ! मणुसित्थीण कम्मभूमियांण अकम्मभूमियाणं अंतरदीवियाणं मणुस्सपुरिसाणं कम्मभूमियाणं अकम्मभूमियाणं अंतरदीवगाणं मणुस्सणपुंसगाणं कम्मभूमियाणं अकम्मभूमियाणं अंतरदीवगाण ये कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वो विसेसाँहिया वा ? गोयमा ! अंतरदीविया मणुस्सित्थियाओ मणुस्सपुरिसा य एतेणं दुन्नियतुल्ला वि सम्वत्थोवा देवकुंरु उत्तरकुरु अकम्मभूमिगमणुस्सित्थियाओ मणुस्सपुरिसा य एतेणं दोन्नि वि तुल्ला संखेज्जगुणा, हरिखासरम्मगवासअकम्मभूमिगमणुस्सित्थियाओ मणुस्सपुरिसा य एतेण दोन्नि वितुल्ला संखेज्जगुणा, हेमवयहेरण्णवयअकम्मभूमिगमणुस्सित्थियाओ मणुस्स पुरिसा य एतेणं दो वि तुल्ला संखेज्जगुणा, भरहेवयकम्मभूमिगमणुस्स. पुरिसा दो वि तुल्ला संखेज्जगुणा, भरहेखयकम्मभूमिगमणुस्सित्थियाओ दो वितुल्ला संखेज्जगुंणा । पुव्वविदेहावरविदेहकम्मभूमिगमणुस्सैपुरिसा. दो वि तुल्ला संखेज्जगुणा । पुवविदेहअवरविदेहकर्मभूमिगमणुस्सिपुंसगा विसेसाहिया" वायुकायिक एकेन्द्रियतिर्यग्योनिक नपुंसक अप्कायिक नपुंसको की अपेक्षा विशेषाधिक है । “वणस्सइकाइयएगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा अणंतगुणा" वायुका यिक नपुंसको की अपेक्षा वनस्पतिकायिक एकेन्द्रिय तिर्यग्योनिक नपुसके अनन्त गुणे है सूत्र२०॥ घि छ “चाउक्काइयगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा विसेसाहिया" पाथुधि मे छट्रिय जातिययानि: न भायना नसी ४२ता विशेषाधि छ वर्णस्सस्काइय एगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा अणतगुणा" वायुआयना नपुंसहै। तो 4પતિ કાયના એક ઈદ્રિય વાળા તિર્યનિક નપુંસકે અનતગણું છે. સૂર રબા '
-
Loading... Page Navigation 1 ... 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693