Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ [ राजप्रश्नीयसूत्र 108 108 28 38 167 108 175, 164 164 0 180, 194 212 ہم اس 226 ] जोई 178 णिसढ जोईरस णीलवंत जोग 3 णीली जोण्डिया 207 णेज्जाय जोय 204 रइयत्त जोह 139 णंदणवण जंघा तउध जंत तउयप्रागर ,15, 16, 17, 22, 23, 39, 128 तउयभार तउयभारग जंबूफल तउयभंड भय 6,101, 107 तक्क झसिर 111 तगर ठितिवडिय 205, 206 तगरसमुग्ग डिबडमर तज्जीव णगरगुत्तिय 175, 177 तण णगरमाण तडवडा णग्गभाव णमृग तणवणस्सइकाय णसाला तत 199, 200 णड तरुण णत्तुम 167, 166 तरुणीपडिकम्म गवणीय 82, 98 तल णवमालियामंडवग 81 तलवर णाई तलाग णाग 144, 160 ताण णागलयामंडवग तारा णाडग 136 ताल णाणादेसी 207 तालाचर णाय 139 तालु णालियाखेड 208 तिगिच्छिदह णिग्गंथ 144, 167 तिच्छडिय णिडालपट्टिया 100 तित्थयराइसेस णिदाइय 208 तिय णिम्मा 26, 63 तिसोपाण णियग 169 तिसोवाण णिविण्णाण 185 तुडिय Yurn 25 ruru purn.ru 26 al or 208 12 136, 175 3 3, 138 26, 36,37, 36 12, 13 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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