Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 270
________________ 228 / राजप्रश्नीयसूत्र धणु 206 धणुवेय धम्म धम्मकहा धम्मजागरिय धम्मत्थिकाय धम्मायरिअ धम्मावियपुव धम्मि धम्मोवदेसग धाउपाग धारणा धारिणी धव धूवकडुच्छ्य धूवघडी धंतपुत्व नईमह नक्ख नगर 144 158 66, 180 नाणसंपण्ण 208 नाभी 100 41, 154, 197, १९ह नामगोअ 167 नामधिज्जकरण 206 नारिकत 108 160 नासिगा 152, 167, 204 निचिय 176 178 निगम 127, 175 171 निग्गंथ 42 152, 203 निग्गंथपावयण 142 208 निच्छोडण 187 निज्जर निभंछण 187 16, 120 नियइपव्वयग 101, 107 नियुद्ध 208 66, 96 निरयपाल 178, 183 निविण्ण 185 निविषणाण निव्विसय 188 127, 175 निसीहिया 3, 12, 208 208 नंदणवण 65, 66, 104 नंदि (सूत्र) नंदियावत्त 27, 37 136 नंदीसरवर पइ(ति)ट्ठाण 63, 65, 86 167, 168, 169, 170 पइण्णा (ना) 167, 168, 178, 176, 181 182, 184206 70 पईव 65, 66, 70, 66, 67 पउम 87 101 पउमपुंडरीयदह 108 136 पउमलया 70 70 पउमवरवेदिया 79, 85, 86,87 150 पउमासण 80,66 160 पएसी 126, 147, 150, 153, 156, 157 182 160, 169, 176, 180, 182, 183, 184 100 सिटी नद्र ওও नंदा नड नत्तुअ नयणमाला नयप्पहाण नरकंठ नरय नरव नरसंघाड नागदन्त नागपडिमा नागमह नागलया नाडय नाण नाणत्त Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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