Book Title: Agam 08 Ang 08 Antkrutdashang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Rajkumar Jain, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan

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Page 2
________________ आगम रत्नाकर आचार्यसम्राट् पूज्य श्री आत्माराम जी म. के दीक्षा शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य पर प्रकाशित सचित्र आगम माला का द्वितीय पुष्प * सचित्र अन्तकृद्दशा सूत्र प्रधान सम्पादक: उपप्रवर्तक श्री अमर मुनि सम्पादक: श्रीचन्द सुराना 'सरस' Ye अंग्रेजी अनुवाद सम्पादन : श्री राजकुमार जैन * चित्रकार सरदार पुरुषोत्तमसिंह * प्रकाशक एवं प्राप्ति-स्थान : 1 श्री महेन्द्रकुमार जैन (अध्यक्ष) पद्म प्रकाशन पद्मधाम, नरेला मण्डी, दिल्ली-११००४० दिवाकर प्रकाशन ए-७, अवागढ़ हाउस, एम. जी. रोड, आगरा-२८२००२ फोन : (०५६२) ३५११६५ प्रथमावृत्ति : वि. सं. २०५० विजयादशमी (आश्विन शुक्ला १0) अक्टूबर १९९३ * द्वितीयावृत्ति : वि. सं. २०५५ माघ, जनवरी १९९९ मूल्य : पाँच सौ रुपया मात्र (रु. ५००.00) ॥ २ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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