Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission

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Page 13
________________ ज्ञाताधर्मकथा महाणिमित्त-सुत्तत्थपाढए विविह-सत्थकुसले सुविणपाढए सद्दावेह, सद्दावेत्ता एयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणह । तए णं ते कोडुबियपुरिसा सेणिएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हद्वतुट्ठ जाव हियया करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट- एवं देवो! तह त्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेति, पडिसुणेत्ता सेणियस्स रणो अंतियाओ पडिणिक्खमंति, पडिणिक्खमित्ता रायगिहस्स णगरस्स मज्झमज्झेणं जेणेव सुमिणपाढगगिहाणि तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता सुमिणपाढए सद्दावेंति । तए णं ते सुमिणपाढगा सेणियस्स रण्णो कोडुबियपुरिसेहिं सद्दाविया समाणा हद्वतुट्ठ जाव हियया बहाया जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा हरियालिय-सिद्धत्थकयमुद्धाणा सरहिं सएहिं गिहेहिंतो पडिणिक्खमंति, पडिणिक्खमित्ता रायगिहस्स मज्झंमज्झेणं जेणेव सेणियस्स रण्णो भवणवडेंसगदुवारे तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता एगयओ मिलन्ति, मिलित्ता सेणियस्स रण्णो भवणवडेंसगदुवारेणं अणुपविसंति, अणुपविसित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला, जेणेव सेणिये राया, तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता सेणियं रायं जएणं विजएणं वद्धावेंति, सेणिएणं रण्णा अच्चिय - वंदिय - पूइय - माणिय- सक्कारियसम्माणिया समाणा पत्तेयं पत्तेयं पुव्वण्णत्थेसु भद्दासणेसु णिसीयंति । तए णं सेणिए राया जवणियंतरियं धारिणिं देविं ठवेइ, ठवेत्ता पुप्फ-फल-पडिपुण्णहत्थे परेणं विणएणं ते सुमिणपाढए एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया! धारिणी देवी अज्ज तंसि तारिसगंसि सयणिज्जंसि जाव महासुमिणं पासित्ता णं पडिबुद्धा । तं एयस्स णं देवाणुप्पिया ! उरालस्स जाव सस्सिरीयस्स महासुमिणस्स के मण्णे कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? २४ तए णं ते सुमिणपाढगा सेणियस्स रण्णो अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म हद्वतुट्ठ जाव हियया, तं सुमिणं सम्म ओगिण्हंति, ओगिण्हित्ता ईहं अणुपविसंति, अणुपविसित्ता अण्णमण्णेणं सद्धिं संचालेंति, संचालित्ता तस्स मिणस्स लट्ठा गहियट्ठा पच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा अभिगयट्ठा सेणियस्स रण्णो परओ मिणसत्थाई उच्चारेमाणा उच्चारेमाणा एवं वयासी एवं खल अम्हं सामी! सुमिणसत्थंसि बयालीसं समिणा, तीसं महासमिणा बावत्तरिं सव्वसुमिणा दिट्ठा । तत्थं णं सामी ! अरहंतमायरो वा, चक्कवट्टिमायरो वा अरहंतंसि वा चक्कवट्टिसि वा गब्भं वक्कममाणंसि एएसिं तीसाए महासुमिणाणं इमे चोद्दस महासुमिणे पासित्ता णं पडिबुझंति; तंजहा

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