Book Title: Adhyatmik Gyan Vikas Kosh
Author(s): Rushabhratnavijay
Publisher: Rushabhratnavijay

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ piceOpeople 卐 करुणा भावनाम उपसर्गकर्ता पर भी प्रभु की करूणा आँखा से अश्रु के बूंद .... इसका क्या होगा? रोग ग्रस्त बिमार जीवों को देख कर उसके दु:खों को दूर करने हेतु प्रयास करना यह द्रव्य करूणा जर-जोरू-जमीन के पीछे पागल बने जीवों का क्या होगा? उपदेश देकर सही मार्ग पर लाना यह भाव करूणा दुसरे जीवों के दुःखों को देखकर उसे दूर करने हेतु प्रयासरत बनना / मरणांत कष्ट रोग शोक आदि से ग्रस्त जीवों को उन दुःखों से मुक्त करना द्रव्य करूणा तथा धर्म रहित अधर्म में निरंतर लगे हुए जीवों को देखकर उनकों धर्म की राह पर लाने का प्रयास करना यह भाव करूणा है। जिससे उन जीवों को भावी में प्रगट होनेवाले दुःखों से तथा दुर्गात से छुटकारा मिलता है। AAVAIL. श्री नेमिनाथ भगवान ने पशुओं की भावना सुनकर रथ मोड़ दिया | राजीमती के साथ शादी किये बिना ही गिरनार तीर्थ पर दीक्षा ले ली। कुमारपाल महाराजा के पाँव पर मकोड़ा चिपक गया उसे निकालते वक्त उसका दुःख देखकर चमड़ी सहित मकोड़े को निकाल दिया।

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24