Book Title: Adhyatmik Gyan Vikas Kosh
Author(s): Rushabhratnavijay
Publisher: Rushabhratnavijay

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Page 16
________________ बत्तीस अनन्तकाय हरी हल्दी हरा अदरक सूरण कंद शतावरी की बेल लहसुन गाजर गुवारपाठा थुअर गरमर मुली के पांचों अंग भूमि कंद वज कंद हरा कचुरा विराली की लता मशरूम कोमल ईमली बांस करेला लुणी आलू-रतालू-पिंडालू वत्थुला की भाजी लोढक किसलय खिरसुआ कंद थेग लुण वृक्ष की छाल हरी मोथ गिलोय खिलोड़ा कंद सुअर वल्ली अंकुरित धान अमृत वेल पाक भाजी प्याज। अनन्तकायनात अन्यभी.... पालक की भाजी। खाद्य पदार्थ पर होती फफूंद। आलू की चिप्स इत्यादि का भी त्याग करना ।। उगती हुई सभी वनस्पति पूर्व में अनंतकाय होती है। वर्षा आदि का पानी पड़ा रह जाने से उन्स जगह हो जाती काई। लडू आदि भी तोड़कर - देखकर वापरना चाहिए अन्यथा अंदर फफूंद की संभावना है। । पर्व, तोड़ने पर समान भाग, पत्तों में दूध इत्यादि अनन्तकाय के लक्षण दिखाये है।। AADINCINGAANEL alocOCOCOCOCCTIONARTACCIDCOOOOOOOOOOOGOALCUTTOOOOOOOOOOOOOOLIOCIOLOGICC COCODAICOM ICCIOLOROCCOLLuccoulouTICS DOCOCCOOCOLICODARA

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