Book Title: Adhyatma aur Pran Pooja
Author(s): Lakhpatendra Dev Jain
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 5
________________ वे इसके लिए मुझे क्षमा प्रदान करेंगे तथा सुधार कर पढ़ें। मेरे संज्ञान में यदि कोई भूल/गल्ती लायी जाएगी, तो मैं अत्यन्त अनुग्रहीत हूंगा। एक और बात - भाग ५ में पुस्तक का विस्तार बहुत ज्यादा न बढ़ जाए, इसके लिए अंग्रेजी की वर्णमाला का प्रचुर मात्रा में उपयोग किया गया है। आजकल के परिप्रेक्ष्य में इसको समझना सहज होगा। पाठकगण से मेरी पुनः प्रार्थना है कि इस पुस्तक के माध्यम से त्यागी-व्रतियों की वैयावृत्य करें, अपने व दूसरों के शरीर को स्वस्थ रखें एवम् अपनी आत्मोन्नति हेतु ध्यान का प्रयास करें। जो भी धर्मात्मा व्यक्ति इस प्रकार त्यागी-व्रतियों की वैयावृत्य करेंगे, उनके चरणों में मेरा शत-शत प्रणाम होगा। प्रस्तुतकर्ता एवं निवेदक लखपतेन्द्र देव जैन

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