Book Title: Acharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Author(s): Uttamchand Jain
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 3
________________ प्रकाशकीय प्राचार्य कुमार के द्विसाझाली नमार के अवसर पर नके प्रय टीकाकार प्राचार्य अमृतचन्द्र पर विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से 'पीएच. डी.' उपाधि के लिए स्वीकृत डॉ. उत्तमचन्द जी जैन द्वारा लिखित शोधप्रबन्ध "प्राचार्य अमृतचन्द्र : व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व" प्रकाशित करते द्वारा हमें अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है । डॉ, उत्तमचन्दजी ने प्रस्तुत शोध-प्रबन्ध में प्राचार्य अमृतचन्द्र के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व सम्बन्धी गूढ़ तथ्यों को उजागर किया है। डॉ. उत्तमचन्दजी संस्कृत में एम. ए. हैं, अत: आपका संस्कृत भाषा पर प्रभुत्व होने से आपने अनेक ग्रन्थों का गम्भीरता एवं सूक्ष्मता से अध्ययन किया है। लगभग १८ वर्ष पूर्व पाएको पुज्य श्री कानजी स्वामी का समागम प्राप्त हुआ, जिससे आपकी अध्यात्म की ओर रुचि और भी बढ़ गई । उसके पश्चात आपने अनेक न्यायशास्त्रों एवं सिद्धान्तशास्त्रों का अध्ययन अध्यात्म की दृष्टि से किया है। इसी के फलस्वरूप प्रापने शोध-खोज हेतु आचार्य अमृतचन्द्र के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व विषय को ही चुना। प्रापन अफ्रीका के केनिया देश के प्रमुख शहर नाइरोवी में भी दो वर्ष तक सपरिवार निवास किया है, जहां अपने दिगम्बर जैन ममक्ष मण्डल में धर्माध्यापन का कार्य किया है। बाप वर्तमान में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिवनी में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं। आपकी विद्वतापूर्ण व्याख्यान शैली अत्यन्त लोकप्रिय एवं प्रभावशाली होने से सारा जैन समाज आपसे भली-भांति परिचित है। १९८४ ई में प्रापका पर्युषण दादर बिम्बई) में हुआ। उक्त अवसर पर ग्रापकी हो प्रेरणा से इस शोध-प्रबन्ध के प्रकाशन के लिए मुमुक्ष मण्डल, दादर के सदस्यों से प्रावश्यक धनराशि के वचन प्राप्त हुए। दादर मुमुक्षु मण्डल को भावना थी कि इस ग्रन्थ का प्रकाशन किसी ऐसी प्रतिष्ठित संस्था से हो. जो इस काम को सहज भाव से कर सके, तथा इस अन्य का समुचित प्रचार-प्रसार भी हो सके, साथ में इस राशि से भविष्य में इसीप्रकार के ग्रन्थों का प्रकाशन होता रहे । अतः श्री कुन्दकुन्द कहान दिगम्बर जैन तीर्थ सुरक्षा दस्ट स अनुरोध किया गया, पर उक्त ट्रस्ट का उद्देश्य प्राचार्यों एवं दिवमत प्राचीन विद्वानों के साहित्य प्रकाशन तक सीमित होने में पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट से अनुरोध किया गया । हमारे द्वारा सहर्ष स्वीकार कर लेने पर उक्त ग्रन्ध A

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