Book Title: Abu Jain Mandiro ke Nirmata Author(s): Lalitvijay Publisher: Atmanand Jain Sabha View full book textPage 3
________________ ॥ जैनाचार्य १०८ श्रीमद्विजयानन्दसूरिपादपद्मभ्यो नमः ॥ ॥ वन्दे वीरमानन्दम् ॥ ॥ आबुजैनमन्दिरोंके निर्माता ॥ लेखकन्यायाम्भोनिधिजैनाचार्य १०८ श्रीमद्विजयानन्दसूरिप्रशिष्य श्रीमान श्रीवल्लभविजयजी महाराजके शिष्यरत्न पण्डित श्रीललितविजयजी (पंन्यासजी) महाराज । प्रकाशकबीकानेर निवासी सेठ कालूरामजी कोचरकी सहायतासे श्रीआत्मानन्द जैनसभा अंबाला शहर (पंजाब) निर्णयसागर प्रेस मुंबई, वीरनिर्वाण २४४८ आत्म संवत् २७ । प्रति संख्या । विक्रम १९७९ । १००० ई. सन् १९२२ "मूल्य आठ आने" Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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