Book Title: Abhidhan Rajendra kosha Part 4 Author(s): Rajendrasuri Publisher: Abhidhan Rajendra Kosh Prakashan Sanstha View full book textPage 7
________________ ११ श्री जैन श्वेताम्बर त्रिस्तुतिक संघ - धानेरा १२ श्री जैन श्वेताम्बर त्रिस्तुतिक संघ थराद जैन मित्रमण्डल, बम्बई । १३ श्री जैन श्वेताम्बर सकल संघ नेनावा (गुजरात) १४ श्री जैन श्वेताम्बर त्रिस्तुतिक संघ, मेंगलवा (राज.) १५ श्री जैन श्वेताम्बर त्रिस्तुतिक संघ सियाणा (राज.) १६ श्री जैन श्वेताम्बर त्रिस्तुतिक संघ आकेली (राज.) १७ श्री राजेन्द्रसूरि जैन ज्ञानमन्दिर, राणीस्टेशन (राज.) १८ श्री मांगीलाल, फुटरमल, शांतिलाल, किशोरचन्द्र बेटापोता शेषमलजी खसाजी रामाणी, गुडाबालोतान् (राज.) १९ श्री दरजमल, उकचन्द, हस्तिमल, तगराज हीराणी, रेवतड़ा (राज.) २० श्री चेतनकुमार अशोककुमार, कन्हैयालालजी काश्यप, रतलाम (म. प्र. ) २१ श्री चीमनलाल भीखालाल लावाणी वासणवाला, धानेरा (गुजरात ) २२ शा. जेठमल, जुहारमल, लक्ष्मणराज, पृथ्वीराज, बीरचंद, गौतमचन्द, अशोककुमार, रतनलाल, गणपतराज, बेटापाता केनाजी में गलवा, (राजस्थान) २३ श्री अमरचन्द देशमल, तिलोकचन्द्र मीठालाल ओटमल धरमाजो पटियात (धाणसा ) २४ शाह मगराज सुखराज एन्ड कं. मद्रास २५ शाह सरेमलजी हरखचन्दजी तिलोकचन्दजी बेटापोता हांसाजी रतनपुराबोरा, मदिरा (राज.) २६ श्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी जैन ट्रस्ट मद्रास २७ कुंदनमल सुरेशकुमार जगदीशकुमार बेटापोता मिश्रीमल नथाजी बागरेचा, आहेर २८ कुलराज भूरमलजी बूटा, आहार ( राजस्थान ) २९ श्री सौधर्म बृहत्तपोगच्छीय त्रिस्तुतिक संघ वाघोडा ( राजस्थान ) ३० सुकनलाल नेमिचंद ब्राइट स्टेनलेस मद्रास ३१ शान्तिलाल ज्वेलर्स नेलूर ३२ लीलाबेन गोठालालजी चौधरी रांगणाद ३३ कोठारी निर्मलाबेन धर्मपत्नी कोठारी सागरमलजी 'गलालजी छोटी सादडी ३४ श्री अखिलभारतीय त्रिस्तुतिक जैन संघ इन्दौर ३५ श्री जेठमलजी सरेमलजी भीनमाल ३६ श्री सोहनराज डुंगरजी भीनमाल ३७ श्री भांडवपुर मोहनखेडा तीर्थ छ रोपालक संघ समिति ३८ संघवी गगलदास हालचंदभाई और संघवी भीखालाल मणोलाल अहमदाबाद इन के अतिरक्त गाँव नगरों के महानुभावाने लाभ लिया है उन के नाम हैं. भीनमाल, जोधपुर में गलवा, सायला, सुराणा, मद्रास, नल्लौर, विजयवाडा, मांडवला, धाणसा, आहेर, सवाडा, सुरा, सियाणा, कोमता, सुराणा, दाधाल, रेवतडा, उनडी, पांथेडी, बम्बई. सुमेरपुर, सांचोर, तखतगढ कोशेलाव, थरराद, अहमदाबाद. लेोवाणा, दूधवा, आणंद, वासणा, डीसा, लाखणी, बामी, धानेरा, कलाल. झाबुआ, टांडा, पारा, रिंगणेोद, (धार) प्रकाशन हो रहा है, यह इस प्रकार गुरु कृपा से एवं पू. आचार्यश्री के सतत प्रयत्न से यह प्रसन्नता का विषय है, शुभम् । निवेदक श्री राजेन्द्रसूरि जैन ज्ञानमन्दिर रतनपोल, श्री राजेन्द्रसूरि चौक पो. अहमदाबाद २०४२ पोप सुद ७ (गुरुसप्तमी) Jain Education International श्री अभिधान राजेन्द्र के प्रकाशन संस्था अहमदाबाद For Private Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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