Book Title: Abhamandal
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 246
________________ में पहुंचने पर ही व्यवस्था-तन्त्र को नकारा जा सकता है। इसके लिए बहुत तैयारी अपेक्षित होती है। प्रश्न ६. क्या आत्मा में सत्त्व, रजस् और तमोगुण प्राप्त होते हैं? आत्मा सगुण है या निर्गुण? उत्तर. सत्त्व, रजस् और तमस्-ये आत्मा के गुण नहीं हैं। ये सब गुण बाहर के हैं, प्रकृति के हैं। आत्मा का गुण है चैतन्य। इस दृष्टि से आत्मा सगुण है और शेष सत्त्व आदि आत्मा के गुण नहीं हैं-इस दृष्टि से आत्मा निर्गुण है। _आत्मा के मुख्य तीन गुण हैं-चैतन्य, शक्ति और आनन्द। चैतन्य है वहां शक्ति है और शक्ति है वहां आनन्द है। २३६ आभामंडल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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