Book Title: Abhamandal
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 251
________________ करते हैं और बलवान बनाते हैं। इससे स्त्रियों के स्तनों में दूध की वृद्धि होती है। यह पेन्क्रियास को सहयोग देता है। यह पित्त के मिश्रण और उसकी गतिशीतला में सहायक होता है। इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव यह है :* शारीरिक शक्तियों को मानसिक गुणों के साथ जोड़ता है। * यह spleen और पेक्रिन्यास् इन दोनों चक्रों से शक्ति को प्रवाहित करता है। * यह विचार और मानसिक कल्पनाओं का सूचक वर्ण है। * यह प्रेम, प्रसन्नता, भावनाओं की संजीवता और योगक्षेम की भावना को बनाए रखता है। * यह एथरिक-बॉडी को शक्तिशाली बनाता है। हरा रंग (Green) यह नाइट्रोजन गैस का वर्ण है। यह शान्ति का वर्ण है। यह मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। यह मांशपेशियों, हड्डियों तथा सेल्स को शक्तिशाली बनाता है। यह रक्त-चाप और रक्त-वाहिनी नाड़ियों के तनाव को कम करता है। थके व्यक्ति को प्रारंभ में हरा रंग लाभप्रद होता है, परन्तु बाद में यह हानिकारक होता है। यह पिच्यूटरी ग्लैण्ड को सक्रिय करता है, मांशपेशियां और टिस्यू का निर्माण करता है। और सेक्स को उभारता है। यह कीटाणुनाशक, एण्टीसेप्टिक माना जाता है। जब व्यक्ति में भावनात्मक गड़बड़ी होती है तब हरे रंग की किरणें मस्तिष्क पर डालकर चिकित्सा की जाती है। यह शक्ति, यौवन, अनुभव, उत्पादन, आशा और नवजीवन का प्रतीक वर्ण है। साथ-साथ यह ईर्ष्या-द्वेष और अंध-विश्वास का सूचक भी है। नीला रंग (Blue) इसका प्रभाव मुख्य रूप से रक्त पर होता है। यह रक्त के लिए टॉनिक है। यह शक्ति-संवर्धन, शीत, विद्युतीय और संकुचन गुण से युक्त आभामंडल २४१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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