Book Title: Aarahana Panagam
Author(s): Hemsagarsuri, Hemlatashreeji, Ikshitagnashreeji
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabh
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आराहणापणगं (५)
७८
तं पुण आयरिएहिं पारंपरएण दीवियं एत्थ ।
जइ होज्ज न आयरिया को तं जाणेज्ज सारमिणं ?
।।२७४||
सूयणमेत्तं सुत्तं, सूइज्जइ केवलं तहिं अत्थो । जं पुण से वक्खाणं तं आयरिया पगार्सेति
1120411
बुद्धीसिणेहजुत्ता आगमजलणेण सुटु दिप्पंता । कह पेच्छह एस जणो सूरिपईवा जहिं णत्थि ? || २७६||
चारित्तसीलकिरणो अन्नाणतमोहनासणो विमलो | चंदसमो आयरियो भविए कुमुए व्व बोहेइ 1120011
दंसणविमलपयावो दसदिसिपसरंतनाणकिरणिल्लो । जत्थ ण रवि व्व सूरी मिच्छत्तत्तमंधओ देसो 1120611
उज्जोयओ व्व सूरो, फलओ कप्पहुमो व्व आयरिओ । चिंतामणि व्व सुहओ जंगमतित्थं पणिवयामि ॥२७९||

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