Book Title: Aagam 40 AAVASHYAK Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 1
________________ ' [४०] श्री आवश्यक सूत्रम नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः । “आवश्यक" मलं एवं वत्ति: [मूलं + भद्रबाहुस्वामी कृत् नियुक्ति; + भाष्यं + हरिभद्रसूरि रचित वृत्तिः] [आदय संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. 1। (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.) | 09/04/2015, गुरुवार, २०७१ चैत्र कृष्ण ५ jain_e_library's Net Publications मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..........आगमसूज - [४०], मूलसूत्र - [१] "आवश्यक" मूलं एवं हरिभद्रसूरि-रचित वृत्तिः

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