Book Title: Aagam 12 AUPAPAATIK Moolam evam Vrutti Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 2
________________ आगम (१२) “औपपातिक” - उपांगसूत्र-१ (मूलं+वृत्ति:) ----------- मूलं [-] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [१२], उपांग सूत्र - [१] "औपपातिक मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति: प्रत सूत्रांक BANANARIANSANANYAMANANANANANANANANAAG ॥ अहम् ॥ श्रीचतुर्दशपूर्वधरश्रुतस्थविरप्रणीतं चन्द्रकुलीनश्रीमदभयदेवसूरिविहितश्रीमद्रोणाचार्यशोधितवृत्तियुतं श्रीमदौपपातिकसूत्रम् । मुद्रयिता झव्हेरीनवलचन्दउदेचन्दवधूनन्दकोराख्यायुताऽमरचन्द्रात्मजहर्षचन्द्र पुत्रीरत्नायुततेजस्याख्याकृतद्न्यसाहाय्येन आगमोदयसमितिकार्यवाहकः शाह-वेणीचन्द्रः सूरचन्द्रात्मजः दीप अनुक्रम RANARTARNARNAANANAND ORNARNARNAANARNANAND मुद्रित मोहमग्यो निर्णयसागरमुद्रणयन्त्रे रा०रा० रामचन्द्र पेस शेडगेवारा थीरसंवत् . २४४२ विक्रमसंवत्. १९७२ काइए. १९१६ प्रथमसंस्करणे प्रतयः पशवी ५०० पथ्यं द्वादशाणका: 0-12JANUAUUNNNNNNNNURUMUNUN औपपातिक(उपांग)सूत्रस्य मूल “टाइटल पेज"Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 244