Book Title: Aadhyatmik Vikas Yatra Part 01
Author(s): Arunvijay
Publisher: Vasupujyaswami Jain SMP Sangh

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Page 485
________________ तीव्रता-मन्दता के क्रम से मिथ्यात्व गुणस्थान तीवातितीव्र, अतितीव्र, तीव्रतर, तीव्रतम, तीव्र, मन्द, मन्दतर, मन्दतम शुद्ध इस तरह चढते उतरते क्रम से मिथ्यात्व की भिन्न-भिन्न कक्षाएं हैं । अत्यन्त गाढातिगाढ, अतिगाढ, गाढतर, गाढतम, गाढ इस तरह मिथ्यात्व एक से दूसरा प्रमाण में ज्यादा गाढ बनता जाता है। इसे चढाव उतार के क्रम से समझने का प्रयत्न करें तो स्पष्ट ख्याल आएगा। उदा. के लिए जैसे काले रंग में भी सेकडों प्रकार की तरतमताएं होती हैं । कौआ भी काला है, कोयल भी काली है और कबूतर भी काला है लेकिन सबके कालेपन की मात्रा में काफी अन्तर है। उपरोक्त चित्र में देखने से ख्याल आएगा। १) सौ प्रतिशत संपूर्ण काला रंग है, २) दूसरा ८०% काला है, ३) ६० प्रतिशत, ४) ४०%, ५) २०%, ६) १०%, ७) ५%, और अंतिम ८) संपूर्ण शतप्रतिशत शुद्ध सफेद है। जिसमें कालापन अंश मात्र भी नहीं है। दूसरे दृष्टान्त से समझने का और प्रयत्न करिए... एक किलो काले रंग में एक बूंद मात्र सफेद रंग मिलाने से काले रंग की कालिमा कितनी कम हुई ? फिर २ बूंद, १० बूंद, १०० बूंद, ५०० बूंद, १००० बूंद... इस तरह चढते क्रम से ज्यादा से ज्यादा सफेद रंग मिलाने से काले रंग की कालिमा अन्त में सर्वथा अंशमात्र भी नहीं बचेगी । और दूसरा शुद्ध सफेद रंग जो काले रंग के स्पर्श से सर्वथा दूर है वह कैसा रहेगा? ___ठीक ऐसे ही संसार में अनन्त मिथ्यात्वी जीव हैं । एक-एक सफेद रंग की बूंद के आधार पर ... जैसे कालेपन में कमी आती है और सफेदी में वृद्धि होती है। ठीक उसी वरह एक मिथ्यात्वी जो अत्यन्त गाढातिगाढ मिथ्यात्व होता है, उसी तुलना में दूसरा कुछ प्रतिशत कम मिथ्यात्वी होता है। तीसरा फिर उससे भी कम मिथ्यात्वी होता है । चौथा और कम, पाँचवा और कम, छट्ठा ५०% कम, सातवाँ ६०% कम, ८ वाँ ७०%, नौवाँ ८०% कम, दसवाँ ९०%, ११ वाँ १००% कम... इस तरह कम–कम मिथ्यात्ववाले जीव होते हैं । कम-कम मिथ्यात्ववाले जीव मन्द मिथ्यात्वी कहलाते हैं । यद्यपि मिथ्यात्व की कमी जरूर है परन्तु सर्वथा अभाव नहीं है । इसलिए सत्ता स्वीकारी गई है। जैसे गाँव... फिर उससे बडा तालुका, फिर जिल्ला, बडा शहर, फिर राज्य, फिर देश, फिर विश्व... इस तरह बड़े से बड़े के क्रम में है। उल्टे क्रम से देखने पर ... समूचे विश्व से छोटा एक देश.... उससे छोटा एक राज्य, उससे छोटा एक जिल्ला, उससे छोटा एक शहर, फिर तालुका, फिर गाँव, फिर उससे छोटी एक गल्ली, उसमें भी एक मोहल्ला ४२४ आध्यात्मिक विकास यात्रा

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