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[ १९ ]
बुरहानपुर के बादशाह मलिक राजा फ़ारूकी सुलतान फोरोज तुगलक के नौकरों में से सन् ७७२ ( संवत् १४४७ ) में खानदेश का हाकिम हुआ था। तुगलकों की बादशाही बिगड़ने पर वह भी खुदमुखतार हो गया और उसकी औलाद में बुरहानपुर के बादशाह हुए क्योंकि उनकी राजधानी बुरहानपुर में थी। १ मलिक राजा फ़ारूक़ो .
... ७७२ १४४७ २ नसीर खाँ फ़ारूको मलिक राजा का बेटा ... ८०१ १४५५ ३ मीरान आदिलखाँ फ़ारूकी नसीर खां का बेटा ८४१ १४९४ ४ मुबारक खाँ फ़ारूक़ी आदिल खाँ का बेटा ... ८४४ १४९७ ५ आदिल खाँ दूसरा मुबारक खां का बेटा ... ८६१ १५१३ ६ दाऊदख़ाँ फ़ारूको मुबारक खाँ का बेटा ... ८९७ १५५८ ७ गजनी खाँ दाऊद खाँ का बेटा ११ दिन ८ अालम खां फ़ारूक़ी ९ आदिल खा फ़ारूकी नसीर खाँ का बेटा १० मोहम्मदशाह फ़ारूको आदिल खां का बेटा .... ९२६ १५७६ ११ मुबारक शाह आदिल खाँ का बेटा ... ९४२ १५९२ १२ मोहम्मद शाह मुबारक शाह का बेटा ... ९७४ १६१३ १३ हसनखाँ फ़ारूक़ी मोहम्मद शाह का बेटा ... ९८४ १६३३ १४ राजा अली खां मुबारक शाह फ़ारूकी का बेटा १५ बहादुर खाँ राजा अलीखाँ का बेटा ... १००५ १६५३
राजा अलीखाँ से सन् १००८ (सं० १६५६) में अकबर बादशाह की फौज ने आसेर का किला लेकर खानदेश में अमल कर लिया।
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