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उलशर्क का खिताब दे कर सन् ७७० (१४२५) में जौनपुर बिहार और तिरहुत की हाकिमी पर भेजा । वह वहाँ ज़ोर पकड़ कर बादशाह बन बैठा । कई पीढ़ी तक यह बादशाही उसके घराने में रही । १ सुलतान उलशर्क रवाजाजहाँ ७७० १४२५
८०२ १४५६
२ मुबारक़शाह उसका गोद लिया हुआ ३ शाह इब्राहीम मुबारक़शाह का भाई
८०४ १४५८
४ सुलतान महमूद इब्राहीम का बेटा
८४२ १४९५
८६२ १५१४
५ मुहम्मदशाह महमूद का बेटा ६ हुसेनशाह महमूदशाह का बेटा
८६२ १५१५
हुसेनशाह से सन् ८८१ (सं० १५३३) में दिल्ली के बादशाह सिकं दर लोदी ने जौनपुर छीन लिया और फिर यह इलाक़ा दिल्ली के नीचे आगया !
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