Book Title: Yavanraj Vanshavali
Author(s): Deviprasad Kayastha
Publisher: Indian Press Prayag

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Page 31
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ २२ ] फ्फ़र शाह का पोता १२ सुलतान अहमद अहमद शाह के पातों में से ९६१ १६११ १३ सुलतान मुजफ्फर महमूद का बेटा ... ९६९ १६१८ ___इस मुजफ्फ़र से सन् ९८० (सं० १६२९) में अकबर ने गुजरात छोन कर फिर दिल्ली के नीचे डाल ली। सिंध के बादशाह सिंध में अरब लोगों का क़दीम से आना जाना था क्योंकि वे लोग नावों में बैठकर सिंहलद्वीप * को आदम पैग़म्बर के चरणों के दर्शनों को जाया करते थे और हिन्दुलोग मक्के की यात्रा को जाते थे, जब कि वहाँ मूर्तियाँ रक्खोरहती थीं। मुसलमानी मत चलने के पीछे जब मकं की मूर्तियां तोड़ डाली गई तो इनका जाना आना बंद हो गया। परन्तु अरब लोग मुसलमान होकर भी सिंहलद्वीप को जाते आते हुए सिंध में पाया करते थे और इसी से उनको हिन्दुस्तान के और किसी देश की अपेक्षा सिंध कोफ़तह करने और वहाँ अपना धर्म फैलाने का मौका मिला। । पहिली चढ़ाई उन लोगों की सन् ८६ ( ७६२ ) में खलीफ़ा वलीद के हुक्म से हुई। सिंध और ईरान के बीच में जो बल्लोचों का मुल्क मकरान पड़ता है, मुसलमानों ने पहिले उसीको लिया और बल्लोचों को मुसलमान करके सिंध के हिन्दुओं पर हमला किया। ___* सिंहलद्वीप या लंका में जो बडे पाँव का चिह्न पत्थर पर है उसको मसलमान तो आदम के और बौद्ध लोग महात्मा बध के पांव का चिह्न वतनाते हैं। For Private and Personal Use Only

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