Book Title: Yantrapurvak Karmadi Vichar Author(s): Jain Mahila Mandal Publisher: Jain Mahila MandalPage 12
________________ [२] २५ जुगुप्सा मोहनीय २६ स्त्री वेद ... २८ नपुंसक वेद (५) आयुष्यकर्मना चार मेद १ देवायु २ मनुष्यायु ३ तिर्थचायु ४ नरकायु (६) नाम कर्मना १०३ मेद र १ देवगति २ मैनुष्यमति ३ तिथंचगतिः ४ बरकगति .. ५ एकेंद्रियजाति ६ इंद्रियजाति ७. तेइंद्रियजाति ८ चौरिंद्रियचाति ९ पचद्रियजाति १० औदारिक शरीर ११ वक्रिय शरीर १२ आहारक शरीर । १३ तैजस शरीर १४ कार्मण शरीर १५ औदारिक अंगोपांग १६ वैकिय अगोपांग १७ आहारक अंगोपांग . १८ औदारिक बंधन १९ वैक्रिय बंधन २० आहारक बंधन २१ तैजस बंधन २२ कार्मण बंधन::: २३ औदारिक तैजस बंधन : २४ वैक्रिय तैजस बंधन २५. आहारक तैजस बंधन ... २६ औदारिक कार्मण बंधन २७ वैक्रिय कार्मण बंधन । २८ आहारक कार्मण बंधन २९ औदारिक तैजस कार्मण बंधन ३० वैक्रिय तैजस कार्मण बंधन ३१ आहारक तैजस कार्मण बंधन ३२ तैजस कार्मण बंधन ३३ औदारिक सघातन . ३४ वक्रिय संघातन .३५ आहारक संघातन ३६ तैजस संघातन.. . : ३७ कार्मण संघातन ३८ वज्रऋषभनाराच संघयण ३९ ऋषभनाराच संघयण: ४० नाच संघयण ४१ अर्धनाराच संघषण ४२ कीलिका संघयण ..' ४३ छेवढं सघयण .. ४४ समचतुरस्र संस्थान ४५ न्यग्रोध संस्थान ४६ सादि संस्थान ४७ कुब्ज सस्थान ४८ वामन संस्थान : ४९ हुंडक सस्थान . ५० कृष्ण वर्ण ५१ नील वर्ण ५२ रक्त वर्ण ५३ पित वर्ण ५४ श्वेत वर्ण ५५ सुरमि गंध ५६ दुरभि गंध ५७ तिक्त रस ५८ कटुक रस ५९ कषायलो रस ६० आम्ल रसPage Navigation
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