Book Title: Vratya Darshan
Author(s): Mangalpragyashreeji Samni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 221
________________ से आहारक, आहारक से तैजस एवं तैजस से कार्मण शरीर सूक्ष्म है। कार्मण शरीर को सूक्ष्मतम इसलिए कहा गया है कि वह चतुःस्पर्शी परमाणुओं से निर्मित है। शेष चार शरीर अष्टस्पर्शी है किंतु उनमें परस्पर आपेक्षिक सूक्ष्मता है। औदारिक शरीर औदारिक शरीर स्थूल पुद्गलों से निष्पन्न होता है। इस शरीर में चयापचय, कोशिकाओं का उत्पाद, विनाश प्रतिक्षण होता रहता है। यह शरीर रस आदि सप्त धातुओं से निर्मित है। प्राणी जो आहार ग्रहण करता है यह शरीर उसका सात्मीकरण करके उसे सप्तधातु में परिवर्तित कर देता है। शरीर के द्वारा गृहीत अन्न से रस, रस से रक्त, रक्त से मांस, मांस से चर्बी, चर्बी से हड्डी, हड्डी से मज्जा, मज्जा से वीर्य उत्पन्न होता है तथा इस वीर्य से ही संतान पैदा होती है। यह प्राचीन आचार्यों का अभिमत है। उदार शब्द से उक् प्रत्यय करने पर औदारिक शब्द निष्पन्न होता है। औदारिक शब्द के अनेक अर्थ है। अनुयोगद्वार की हारिभद्रीया वृत्ति में औदारिक शरीर को औदारिक क्यों कहा जाता है? इसके चार हेतु बतलाये हैं १. उदार-औदारिक शरीर उदार अर्थात् प्रधाण शरीर है क्योंकि तीर्थंकर एवं गणधर भी औदारिक शरीर को धारण करते हैं। प्रस्तुत प्रसंग में उदार शब्द प्रधान अर्थ में प्रयुक्त हुआ है तथा इसी उदार शब्द से औदारिक शब्द निष्पन्न हुआ है। २. उराल-उराल का अर्थ है-विशाल । औदारिक शरीर से अन्य और कोई शरीर अवगाहना की दृष्टि से बड़ा नहीं हो सकता अतः इसको औदारिक कहा जाता है। यद्यपि उत्तर वैक्रियकाल में वैक्रियशरीर की ऊंचाई कुछ अधिक एक लाख योजन हो सकती है किंतु यह अवगाहना स्थायी नहीं है मात्र विक्रियाकाल में होती है। वैक्रिय शरीर की स्वाभाविक ऊंचाई पांच सौ धनुष्य होती है जबकि वनस्पति आदि की अवस्थित अवगाहना कुछ अधिक हजार योजन होती है अतः औदारिक शरीर से विशाल अन्य शरीर नहीं होता है।१०।। ३. उरल-भिण्डी की तरह जिसका आकार बड़ा और प्रदेश का उपचय अल्प होता है, उसकी संज्ञा उरल है। औदारिक शरीर आकार में बृहत् एवं प्रदेशोपचय की दृष्टि से स्वल्प होता है, इसलिए भी उसे औदारिक कहा जाता है। ४. उरालिय-जो मांस, अस्थि, स्नायु आदि अवयवों से निर्मित होता है, वह औदारिक है।१२ २०२ . व्रात्य दर्शन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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