Book Title: Vivek Chudamani Bhasha Tika Samet
Author(s): Chandrashekhar Sharma
Publisher: Chandrashekhar Sharma

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Page 5
________________ अनुक्रमणिका । विषय. जोगुण तमोगुण मिश्रित सत्त्वगुणका कार्य्य व इसका धर्म ... शुद्धसत्त्वगुणका कार्य्य व धर्म कारण शरीर कथन व उसकी सुषुप्ति में प्रतीति अनात्म वस्तुका परिगणन..... मथ्यात्व कथन महावाक्यका विचार ब्रह्मविचारका उपदेशकथन .... 90.0 .... 04.0 .... 6000 0.00 ब्रह्मभावनाका फल अध्यारोप अपवादमा देहान्त्यपयशस्तार 2000 ... 6000 .... ... 0000 6800 .... .... ... प्रतिज्ञा .... .. प्रदर्शन .... और तत्का वक्षेप शक्ति व आवरण शक्तिसे बन्ध संसाररूप वृक्षका बीज आदि कथन... जन्म आदि प्रवाहका जनक अनात्म बन्ध है ..... वह बन्ध शस्त्र आदिसे छेद्य नहीं अपना धर्ममें श्रद्धापूर्वक आत्मज्ञान होनेसे 0000 0000 .... .... संसारका नाश..... पञ्चकोशसे आवृत होजानेपर आत्मा नहीं भासता है पञ्चकोशोंका अपवाद करनेसे शुद्ध आत्माका भान होता है अन्नमय कोशका विचार प्राणमय कोशका विचार मनोमय कोशका विचार विज्ञानमय कोशका विचार आनन्दमय कोशका विचार विज्ञेय वस्तु विषयक प्रश्न | विज्ञेय का स्वरूप कथन | जगतको मिथ्यात्व कथन ब्रह्मस्वरूप निरूपण .... .... .... 0001 0.00 0000 .... 9000 .... .... .... .... 0000 ०००० .... .... ... 6000 6000 ... .... 0000 8009 .... .... 6000 ... 9000 0.0 8000 .... 8110 .... 0000 0000 .... .... 8000 .... .... .... 09.0 9960 0000 0800 0000 .... 6300 8300 0000 0.00 6000 0.00 .... .... 0800 99.9 0000 8000 8939 .... 83.8 0980 9990 9000 .... .... .... 0000 6000 6400 0904 4040 6000 .... 0000 (७) पृष्ठांक 0800 1930 0019 ...% 0000 6000 0000 .... .... ... .... 0000 .... 9.00 ... .... .... 8930 ... 6800 .... .... .... 0000 ... ३१ "" ३२ "" ३३. 27 4 97 do 2 or = ३१ ३७ ३१. 12 30 = 30 30 ४१ ४४ ४५ ४९ ५५ १६ ५७ ६१ ૧૧ ६६ ६८ ६९ 19 तयहम् ॥ ८ ॥

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