Book Title: Viroday Mahakavya Aur Mahavir Jivan Charit Ka Samikshatmak Adhyayan Author(s): Kamini Jain Publisher: Bhagwan Rushabhdev Granthmala View full book textPage 3
________________ प्रेरक प्रसंग : परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महाराज के परम शिष्य तीर्थ क्षेत्र जीर्णोद्धारक, आध्यात्मिक संत मुनिश्री 108 सुधासागरजी महाराज एवं क्षुल्लक 105 श्री गम्भीरसागरजी महाराज एवं क्षुल्लक 105 श्री धैर्यसागरजी महाराज के वर्ष 2004 वर्षायोग सूरत (गुजरात) के पावन प्रसंग पर प्रकाशित । संस्करण I.S.B.N. प्रतियाँ मूल्य : प्रथम, 2005 (5) : 81-7772-009-0 : 1000 : 75.00 (पुनः प्रकाशन हेतु सुरक्षित) प्राप्ति स्थान : भगवान ऋषभदेव ग्रंथमाला श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी, सांगानेर - जयपुर (राज.) फोन : 0141-2730390 फेक्स : 0141-2731952 : मुद्रक : श्री पदम कम्प्यूटर सेन्टर 1471, नाटाणियों का रास्ता, चौड़ा रास्ता, जयपुर (राजस्थान)Page Navigation
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