Book Title: Vir Vardhaman Charitam Author(s): Sakalkirti, Hiralal Jain Publisher: Bharatiya Gyanpith View full book textPage 3
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - wwwwwwwwwwwwwww स्व० पुण्यश्लोका माता मूर्तिदेवीकी पवित्र स्मृतिमें तत्सुपुत्र साहू शान्तिप्रसादजी द्वारा संस्थापित भारतीय ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन ग्रन्थमाला इस ग्रन्थमालाके भन्तर्गत प्राकृत संस्कृत, अपभ्रंश, हिन्दी, कन्नड़, तमिल आदि प्राचीन माषाओंमें उपलब्ध आगमिक, दार्शनिक, पौराणिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक आदि विविध-विषयक जैन-साहित्यका अनुसन्धानपूर्ण सम्पादन तथा उसका मूल और यथासम्भव भनुवाद भादिके साथ प्रकाशन हो रहा है। जैन मण्डारोंकी सूचियाँ, शिलालेख-संग्रह, विशिष्ट विद्वानोंके अध्ययनअन्य भौर लोकहितकारी जैन-साहित्य ग्रन्थ मी इसी ग्रन्थमालामें प्रकाशित हो रहे हैं। ग्रन्थमाला सम्पादक डॉ. आ. ने. उपाध्ये, एम. ए., डी. लिट. पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री प्रकाशक भारतीय ज्ञानपीठ प्रधान कार्यालय : बी/४५-४७, कनॉट प्लेस, नयी दिल्ली-११०००१ प्रकाशन कार्यालय : दुर्गाकुण्ड मार्ग, वाराणसी-२२१००५ मुद्रक : सन्मति मुद्रणालय, दुर्गाकुण्ड मार्ग, वाराणसी-२२१००५ स्थापना : फागुन कृष्ण ९, बीर नि० २४७०, विक्रम सं० २०००, १८ फरवरी १९४४ __ सर्वाधिकार सुरक्षित For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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