Book Title: Vipak Sutra
Author(s): Tribhagvan Vijay
Publisher: Calcutta Vishvavidyalaya
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विन्टो
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* एवएवं सर्वत्रनवरं उमियएत्तिउमितकोनाम सार्थवाहपुनःर अभग्गत्ति सूत्रत्वादभग्नसेनोविजयाभिधान चौरसेनापतिपुत्रः३सग
डेत्तियकटाभिधानसार्थवाहमुत:४ वहस्मइति सूत्रत्वात्एवंहस्पतिदत्तनामापुरोहितपुत्रः५ नंदीइत्तिसूत्रत्वादेव नन्दिवईनोराज
कुमारः उबरंतिमूत्रत्वादेव उबरदत्तोनामसामर्थवाहमुत: सोरियदत्ते सौरिकदत्तोनाममस्यबन्धपुनः८ चशब्दः समुच्चयेदेवद * तात्तिदेवदत्तानामटरुपतिसता चसमुच्चयेअंजू यत्तिजनामसार्थवाहमुता१ चशब्दःसमुच्चयेइतिगाथासमासार्थ: विस्तारार्थस्तु मैं
अंजूय १० जणंभंतेसमणणंबाइगरेणं जावसंपत्तणं दुहविवागाणंदसअभयणापपत्ता तंजहा
मियाउत्तयजावअंजूयपढमस्म णभंतेअभयणस्म दुहविवागाणंसमणेणं जावसंपत्तणं केअप० * सेनामेसार्थवाहनोपुत्वतेसोरियदत्तइसेनामेसार्थवाहनोपुत्र तेहनोट अध्य देवदत्तनामेटहपतीनीपुत्रीराजानीरांणीते हनोमा
अंजूनामेसार्थवाहनीपुत्रौराणीते.१ अध्ययननाममात्रकह्याजोहेपूज्यश्रमणभगवंतमहावीरधर्मनीआदिनाकरणहारयावत्मुक्तिमा तहवातेणेदुःखविपाकना १०दशअध्ययनकह्यातेकहेछे कगापुत्वनोअध्ययनयावविचला अध्ययनकह्याछेहलोमजनो प्रथमअध्यय
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