Book Title: Vicharratnakar
Author(s): Kirtivijay, Chandanbalashree
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 407
________________ [३४७ २६४ ३२३ २५७ ३१० १६७ २०१ २४४ २९१ २८७ २०३ २०५ २३० [१] प्रथमं परिशिष्टम् श्रीविचाररत्नाकरे आगमादिपाठादीनामकाराद्यनुक्रमः॥ [घ] घरकोइलिया सप्पे, [बृ.क.भा./२३५४गा.] [च] चउगुरुऽणते चउलहु [श्रा.जी./९०गा.] चउत्थभत्तेण साहिज्जइ [म.नि./मू.५९७मध्ये] चउद्दस दस य अभिन्ने [बृ.भा./१३२५] चउद्दसवासस्स तहा, [जम्बू./१-१वृ.] चउन्हं खलु भासाणं, [दश./अ.७/१६गा.] चउरंगवग्गुरापरिवुडो वि [नि.भा./४००५गा.] चउलहुयं लहइ मुणी, [य.जी./६१ग.] चउसंझासु न कीरइ, [व्य.भा./३१२४गा.] चउहिं ठाणेहिं अहुणोववन्ने देवे [स्था.४/३-३४५सू.] चक्रिण: सप्त्यामेव गच्छन्ति [दश.हा.वृ./हैमचरित्रे नव..] चतुर्वर्षवया अपि प्रवया [लघुवृत्तौ] चत्तारि उ अणुओगा, [ओघ.भा./गा.५] चत्तारि जाइ आसीविसा पण्णत्ता। [स्था.४/४-३६४सू.] चत्तारिपंच जोयणसयाई [स्डग्रहण्याम्] चत्तारि समणोवासगा पण्णत्ता। [स्था.४/३-३४३सू.] चम्मम्मि सलोमम्मी, [नि.भा./३९९६गा.] चरणपडिवत्तिहेडं, [ओघ.भा./गा.७] चित्तभित्तिं न निज्झाए [दश./अ.८/गा.५५] चिंता लोहागारिए, [ओघ.भा./गा.९] चुलसीति सयसहस्सा, [भग.प्रान्ते] चेडियकोणिकजुज्झे [श्रा.प्र.वृत्तौ] चेयणमचित्तदव्वं, [व्य.भा./३१६गा.] चोत्तीसं बुद्धाइसेसा पन्नत्ता। [सम.३४/११०सू.] [छ] छउमत्थमरण ११ केवलि १२, [उत्त.अ.१५वृ.] छक्कायाण विराहणां [नि.भा./९११गा.] छढेि छग्गेविज्जा, [सङग्रहण्याम्] छप्पइयपणगरक्खा , [नि.भा./७६६गा.] छव्वरिसो पव्वइओ [ऋषिमण्डले] २०४ ४४ له m G ० ० WWWor له २२८ २३९ २०५ २३७ २०५ ratan-p\3rd proof 347

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