Book Title: Vartman Krushi Paddhati Jain Darshan Ki Drushti Me
Author(s): Shyamlal Godavat
Publisher: Shyamlal Godavat

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ INITATION OF AGRICULTURE कृषि का प्रारम्भ • तृतीय काल के अन्त में कल्पवृक्षों का अन्त होने पर प्रथम तीर्थकर भगवान ऋषभदेव ने जनता को षट् कर्म (कृषि, असि, मसि, शिल्प, सेवा व वाणिज्य) का उपदेश देकर अपनी जीवन याचिका प्रारम्भ करने का मार्ग दिखाया। तभी से कृषि/खेती का व्यवसाय जनता ने अपने भरण पोषण करने के लिये प्रारम्भ किया *मानव ने उत्तरोत्तर वृद्धि करते हुए नाना प्रकार के खाद्यान्न, फल, फूल, सब्जियाँ, मसाले व अन्य वनस्पति का अपनी आवश्यक्तानुसार खेती करके उत्पादन करना प्रारम्भ किया।

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 46