Book Title: Vartman Krushi Paddhati Jain Darshan Ki Drushti Me
Author(s): Shyamlal Godavat
Publisher: Shyamlal Godavat

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Page 27
________________ शून्य भू-परिष्करण (Zero tillage) > फसल उत्पादन हेतु मृदा में किसी भी प्रकार की कर्षण क्रिया न करने को शून्य भू–परिष्करण कहते हैं। > पिछली फसल की कटाई के बाद बिना किसी कर्षण क्रिया के सीधी बीजाई की जाती है। > शून्य भू–परिष्करण अपनाने वाली मृदायें सामान्यतया सघनता (Compaction), जैवांश पदार्थों की बढ़ोतरी, पानी के हास की कमी, केंचुओं की जनसंख्या में वृद्धि, मृदा की रन्ध्रता (Porosity) एवं परगम्यता (Permeability) में बढ़ाव जिससे सामान्य विधियों से अधिक या उसके समकक्ष उत्पादन प्राप्त होता है।

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