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=
भावकीर्ति असग कविके गुरु भीम एक विद्याधर
=
भारद्वाज = स्थूणाकारनगरका एक ब्राह्मण
मतिसागर = प्रजापतिका एक मंत्री
मन्दिरा = सालङ्कायन ब्राह्मणकी स्त्री मयूरकण्ठ
=
मरीचि = भरतचक्रवर्ती और धारिणीका पुत्र
=
= ( मयूरग्रीव) अलकानगरीका राजा
५११५१४९
=
व्यक्तिवाचक शब्द संग्रह
२९९
विशाखभूति राजगृहके राजा विश्वनन्दीका छोटा
३।७९।२९
४।२२।३५
भाई १८०१०४।२६८ विश्वनन्दी राजगृहके विश्वभूति और जयिनीका पुत्र =
=
महावीर भगवान् वर्धमान महेन्द्रकल्प एक देव ( विश्वनन्दीका जीव )
: =
रथाङ्गपाणि त्रिपृष्ठ नारायण लक्ष्मणा = विशाखभूतिकी स्त्री लक्ष्मी एक देवी लवणा एक देवी
=
=
=
=
६।२९।६८
७२४९४८२ ३।९६।३०
मागध
एक देव
१७।७६।२४०
१७।३२।२३३
माहेन्द्र - माहेन्द्रस्वर्गका इन्द्र मालिनिका = दिक्कन्यका देवी मृगवती = राजा प्रजापतिकी एक स्त्री ५।४९/५४ मैत्रायण = कौशिक और कपिला नामक ब्राह्मण
दम्पतीका पुत्र ३।७४।२९ ११।१।१३२
४|२८|३६
=
३।६४।२७
१७।९८।२४४
४।९२।४५
१०।३।११८
विश्वभूति राजगृहनगरका राजा विष्णु त्रिपृष्ठ
=
५१५११५४
१७।९२।२४३ १०/७४|१२८
=
वृषभ- भरत क्षेत्रके प्रथम तीर्थकर वीरवती = राजा नन्दिवर्धनकी स्त्री शतायुध= एक योद्धा
शत्रुजित = एक योद्धा
शाण्डिल्यादन- राजगृहनगरका एक ब्राह्मण
=
४११५३४
४।११।३४
९१८९१११४
३।५०/२६
१२४३॥७
३।१११।३२
शार्ङ्गयुध = त्रिपृष्ठ नारायण (भगवान् वर्धमानका जीव ) १०१८३।१३०
८२७४११००
१७/५०/२३६
४।२३।३५
१७।५०।२३६
१७।५०।२३६ श्रुतपयोनिधि (श्रुतसागर ) = एक मुनि
वज्रदंष्ट्र - एक विद्यापर
६/३६/६९ १३।१३।१५५ श्रुतसागर = एक मुनिराज ९।८८।११४ सप्ति गल - अश्वग्रीव १०२४।११८ सप्तिग्रीव अवधीव
वज्चसेन उज्जयिनीका राजा = इन्द्र वज्रायुध वरतनु एक देव वारुणी:
=
= =
- एक देवी
१७।३४।२३४
५।१०५।६१
वायुवेगा = ज्वलनजटीकी स्त्री वासुपूज्य = एक तीर्थंकर
१६।६२।२२६
=
सन्मति = ( अन्तिम तीर्थंकर) १।१।१ विजय : = प्रजापति और जयावतीका पुत्र (विशाख- सन्मति वर्द्धमान् स्वामी १८९८ २६७ सन्मति भूतिका जीव) [भगवान् महावीर १७।९२।२४३ विजय = - एक चारणऋद्धिपारी मुनि सङ्गम = एक देव जो सर्पका रूप रखकर बालक वर्धविजय श्रीविजयका छोटा भाई मानकी परीक्षाके लिए आया था १७ ९५।२४३ विशाखनन्दी विशाखभूति और लक्ष्मण का पुत्र संजय एक चारणऋद्धिधारी मूनि १७।९२।२४३ ४ २८ ३६ संभिन्न = एक निमित्तज्ञानी ५।१०७।६१
शिखिजटी = ज्वलनजटी
श्री- एक देवी
श्रीधर = एक मुनिराज
श्रीनाथ चोलदेशकी विरला नगरीके राजा
श्रीवर्धमान अन्तिम तीथंकर =
१८|१०५।२६८ १२५११ श्रीविजय = त्रिपृष्ठकी रानी स्वयप्रभाका पुत्र
१०।२९।१२२
९६०।१११
९।६१।१११
=
१३।२१।१५७
११५४१९
८३३४९३
९।९६।११६
सम्पत् सम्पत् = असगकविको आधयदेनेवाली एक धाविका
१८ १०४।२६८