Book Title: Upasakadasanga Sutra Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi Publisher: Surat View full book textPage 9
________________ सान जाव३एवामवंतीतातहामयजातावितहानयत्तातोऽब्बियामयेशातपडि जावत हेत्तगवन उमेकजन्नतेतिमजस्मक जिमग्र बियामयत्नातबियपशिबियामयंतात जावासकहेउवदह तिकडजहा देवानुत्रियो उम्हारा। अंतिसमापशघणाराजाएँ तघातलार गोदवाय पियाण अतिश्बजविराईसरतलवरमाडेबियकोडंबियासिठिस जावतदाकालाधाबश्यणि नोनिश्श्कराना बवाहाप्पत्ताडीया मुडिसक्तिाअगारानणगारियपवतिया नोखलअहंसे उम्समापश्जता पायवानरममर। हेदेवानुमापो ऊँउम्मार अंनिसमायि पांच अणुव्रतरूपा सातशिष्य) चाणमिमाडजावपञ्चतितए अहणदेवाणुपियाणं अंतिएपंचाएवयं सतसरवा घनवाददालेईनसकन।Page Navigation
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