Book Title: Upasakadasanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi
Publisher: Surat

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Page 14
________________ दौतणविधि परिमाकर | नकल्प एका नालाहीमधनादातणाविना। बोषबाऊोदीत उपासम तरचणं दतणविहिंपच्चरकातिनन्नबागणियलल्लामऊपणावसेस पच्चरकाणातिकारपना फल विधापरिमाणकर नकस्य । दतणविाहापच्चरकामिातदाणतरचणफलविहिपरिमाणोकरेति ननन एकदा रसरिघु मधुर एरुवा] घाक ताफल पच्चरकाण १२१तिकारपला अगनवि दारामलक फला एंगणाबारामलएणश्रवसेसफलविहापच्चरकाशतयागातरंचणाप्रसंग परि मोणकर सोश्नषधेनामनेतेशतया सतमाकतेल सहश्रयाकतेलाएबश्तेल असेषघाकतां करुजारऊषाधनापति सहश्रया क नकलप सोकषधाप मारवाडि विना), विहिपरिमाणाकारतिानन सयपागासहस्सपागहातालहि वसेस। तल सर्व उपचषाण चोयमव तिवारपन ग टशन। परिमाण करते आणंद प्राव ऋगण विहिंपचरवा तितयाणतरचणानवणाविहिपरिमाणकरेशान नहा १२ कानकलय

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