Book Title: Ud Jare Panchi Mahavideh Mai
Author(s): Dharnendrasagar
Publisher: Simandharswami Jain Mandir Khatu Mehsana

View full book text
Previous | Next

Page 248
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २२८ ढाळ १ चंदाजी हो म्हे अरिहंत जीरा, ओलगू हो राज थे छो परमदयाल नाम कोनी राज अरे हांजी हांजी कोनो राज, सीमंधर जी ने कोहनी राज वैर मान जिंणद नै को नी रा, मन मोहन प्रभु नै कीनो राज इण ग्यानी गुरु नै कोनै राज, अब कौ ज्यू नर भव सफलौ याद जायकौनी राज ॥१ आंकणी चंदाजी हौ सूतां सुपनै संमरै हौ राज जीव पडैरै जंजाल जाय कौनी राज अरे हांजी हांजी चंदा जी हो राति दिवस जपतौ रहु होरा मेहां चात्रक मोर जाय को. अरे हो ॥२॥ चंदाजी हो सममुख दरसण दाखवां हो राज, नयणे दोइ करै रे निहोर जाय. अरे हो. ॥३ चंदाजी हो मनसुध माहरे मने हो राज । कदेइ न लोपु कार जाइ. को. अरेहा ॥ ४ चंदाजी हो सेबक जगरूप वीनवै हो राज आवगमन निवारजाइ को. अरेहा ॥५ इति श्री सीमंधर भा. ६ पत्र-१ प्रति स. १०८०६ श्री अभयजैन ग्रंथालय For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263