Book Title: Tulsi Prajna 2008 10
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 88
________________ संदर्भ ग्रन्थ 1. भगवती आराधना, गाथा नं. 775, पृ. 480 2. वही, पृ. 487, गाथा नं. 794 3. मुनि मधुकर, जैनधर्म की हजार शिक्षाएं, पृ. 30-31 4. शिवार्यकृत भगवती आराधना, गाथा नं. 783-784 5. पाणो वि पडिहेरं पतो छूठो वि सुसमाहदे 6. मुनि श्रीचन्दकृत कहाकोसु, पृ. 307, संधि-30, कडवक-3 7. वही, संधि-29, पृ. 301 8. हरिषेणकृत वृहतकथाकोश, कथा संख्या 72 अ. जैन, जगदीश चन्द्र, जैन कथा साहित्य पृ. 30, पे.नं. 5 9. मुनि, पुष्कर, देवेन्द्र मुनि द्वारा संपादित, कथा भाग-3, पृ. 16 से 56 10. अ. आचार्य नेमिचन्द्र सूरिकृत आख्यानकमणिकोश, पृ. 148 से 151 ब. नयसेनकृत, धर्मामृत, पृ. 245 . स. सोमदेवसूरिकृत, उपासकाध्ययन, पृ. 155-156 11. मुनिश्रीचन्द्रकृत कथाकोसु, पृ. 69, संधि 29, कडवक 1 से 4 12. मुनि, पुष्कर, जैन कथा भाग-76, सामदेव-वामदेव कथानक, पृ. 11 से 83 13. सामदेवसूरि विरचित, उपासकाध्ययन, पृ. 143 14. वही, पृ. 142 15. वही, पृ. 136, श्लोक 293 16. आशाधरकृत धर्मामृत सागर, पृ. 132, श्लोक 17 17. जैन कथा, भाग-96, पृ. 110-115 ब. अन्तकृतदशा सूत्र 18. वही, कथा भाग-12, पृ. 100-102 ब. पार्श्वनाथ चरित्र 19. वही, कथा भाग-65 सह आचार्य एवं विभागाध्यक्ष जैनविद्या एवं प्राकृत विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर तुलसी प्रज्ञा अक्टूबर-दिसम्बर, 2008 83 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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