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123. परमभावप्रकाशक नयचक्र, डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल, पं. टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर,
1989
124. जैनशासन में निश्चय और व्यवहार, डॉ. रत्नचन्द जैन, पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी 125. स्याद्वाद, पं. जवाहरलाल जैन सिद्धान्तशास्त्री, दिगम्बर जैन समाज, सहारनपुर, 1998 126. प्रारम्भिक नय प्रवेशिका, ब्र. सन्दीप सरल, अनेकान्तज्ञानमंदिर, बीना, सागर, म.प्र., 2004 127. न्यायमंदिर, डॉ. वीरसागर जैन, जैनविद्यासंस्थान, श्रीमहावीरजी, जयपुर, 2006 128. अनेकान्तवाद, डॉ. सागरमल जैन, पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी
129. स्याद्वाद और सप्तभंगीनय, भिखारी राम यादव, पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी 130. जैनदर्शन में अनेकान्तवादः एक परिशीलन, डॉ. अशोक जैन, ऋषभदेव ग्रन्थमाला, सांगानेर, जयपुर
ब्यावर
131. अनेकान्त - स्याद्वाद - विमर्श, डॉ. रमेशचन्द जैन, बिजनौर, ज्ञान सागर केन्द्र, 132. स्याद्वादमंजरी का समीक्षात्मक अध्ययन, किरणकला जैन, परिमल प्रकाशन, दिल्ली, 1992 घ. अप्रकाशित शोधप्रबन्ध
1. न्यायदीपिका का समालोचनात्मक अध्ययन, नीलिमा कुमारी, प्राकृत शोध संस्थान, वैशाली 2. जैनदर्शन का नयवादः एक मीमांसा, इन्द्रदेव पाठक, प्राकृत शोधसंस्थान, वैशाली 3. दार्शनिक समन्वय की दृष्टिः नयवाद, अनेकान्त जैन, जैन विश्वभारती, लाडनूं
4. प्रमेयमार्तण्ड का समीक्षात्मक अध्ययन, निर्मला जैन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी 5. भारतीय दर्शन में सर्वज्ञवाद: जैनदर्शन के परिप्रेक्ष्य में, प्रदीप कुमार जैन, दिल्ली विश्वविद्यालय 6. जैन एवं हिन्दू तर्कशास्त्र, प्रद्युम्न कुमार जैन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी
7.
आप्तमीमांसा का दार्शनिक विवेचन, शोभालाल जैन, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर 8. जैनर्शन में नयवाद, सुखनन्दन जैन, चौ. चरणसिंह विश्वविद्यालय, मेरठ
9. जैनन्यायसम्मत स्मृति - प्रत्यभिज्ञान- तर्क प्रमाणों का अनुशीलन, सुषमा जैन, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर
10. लघीयस्त्रय का दार्शनिक विवेचन, हेमन्त कुमार जैन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी 11. जैन तर्कभाषा का समीक्षात्मक अध्ययन, मायाराम, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय 12. भारतीय दर्शनों का प्राणतत्त्व स्याद्वाद, मुनि पदम महाराज, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर 13. प्रमेयरत्नमाला का दार्शनिक अध्ययन, अनिलकुमार वर्मा, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ 14. Jain Nayaya and Epistemology / Kolika Shah, University of Mumbai
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तुलसी प्रज्ञा अंक 141
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