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not involve oxygen; e.g., hydrogen burns in chlorine to form hydrogen chloride with the liberation of heat and light..?
अर्थः- 'जलने की क्रिया में ऑक्सीजन का होना आवश्यक नहीं है। उदाहरण के तौर पर हाइड्रोजन वायु क्लोरीन में जलता है। उससे हाइड्रोजन क्लोराइड तैयार होता है। उस समय गरमी तथा प्रकाश उत्पन्न होते हैं।'
गुजरात युनिवर्सिटी अहमदाबाद से प्रकाशित विज्ञानकोश रसायण विज्ञान-भाग-५ में डॉ. (श्रीमती) एम.एस.देसाई बताते हैं कि
"ऑक्सीजन से भी क्लोरीन में कार्बन ज्यादा तेज जलता है।" C+ 2F, + CF हाइड्रोजन फ्लोरिन और क्लोरिन में जलता है। H, + F, → 2HF H, + Cl, -- 2HCI लोहा फ्लोरिन में जलता है और उसको गर्म करने से सरलता से क्लोरिन तथ सल्फर के साथ में मिलता है। 2Fe + 3F, +2FeF, 2Fe + 3Cl, → 2FeCl, Fe + S→ Fes" (भाग-5, पृष्ठ - 227)
इस तरह ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में सोडियम भी क्लोरिन वायु में जल कर सोडियम क्लोराइड बनाता है।
2Na + Cl, + 2Na+Cl
इस प्रकार से हम देख सकते हैं कि ऑक्सीजन की गेरहाजरी में भी जलने की, प्रकाशित होने की, आग लगने की, गरमी उत्पन्न होने की क्रिया हो सकती ही है। इसलिए बल्ब में ऑक्सिजन न होने पर भी आर्गन आदि वायु की सहाय से तेउकाय उत्पन्न होने में साइन्स की दृष्टि से भी कोई विरोध नहीं है।''16
उत्तर - प्राचीन विज्ञान और आधुनिक विज्ञान में दहन-क्रिया के विषय में कोई अन्तर नहीं है। दोनों ने मूलतः कंबश्चन यानी दहन-क्रिया में "ऑक्सीजन" की अनिवार्यता मानी है। क्लोरीन, फ्लोरीन के साथ हाइड्रोजन आदि के जलने की प्रक्रिया और उससे उत्पन्न प्रकाश व गरमी की प्रकिया एक विशिष्ट रासायनिक प्रक्रिया है, जो सामान्य “अग्नि" की
तुलसी प्रज्ञा जनवरी-मार्च, 2004 -
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