Book Title: Tulsi Prajna 2002 04
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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प्राचीन स्तोत्र (20वीं सदी से पूर्व )
देवागम स्तुति (आप्तमीमांसा)
शती)
समन्तभद्र (लगभग द्वितीय
स्वयंभूस्तोत्र – समन्तभद्र (लगभग द्वितीय शती) युक्त्यनुशासन समन्तभद्र (लगभग द्वितीय शती) जिनशतकालंकार (स्तुतिविद्या)
समन्तभद्र ( लगभग द्वितीय
मानदेव (तीसरी शती)
शती) शांतिस्तव महावीर द्वात्रिंशिका सिद्धसेन क्षपणक (चौथी शती) शाल्यष्टक - पूज्यपाद (पांचवीं शती) सरस्वती स्तोत्र I-- पूज्यपाद (पांचवीं शती) जैनाभिषेक--- पूज्यपाद (पांचवीं शती) दशभक्ति -- पूज्यपाद (पांचवीं शती) पात्रकेशरी स्तोत्र – पात्रकेशरी स्वामी (6 शती ) नवस्तोत्र वज्रनन्दी (6 शती)
भक्तामर (आदिनाथ स्तात्र ) - -मानतुंग (सातवीं शती) अकलंकाष्टक - भट्टाकलंकदेव (सातवीं शती) विषापहार स्तोत्र धनंजय (सातवीं शती) जिनेन्द्रगुणसंस्तुति- - जिनसेन पुत्राट (प्रथम) (सातवीं शती) चतुर्विंशति जिन स्तुति- -वप्यभट्ट (आठवीं शती) शक्ति स्तोत्र - बप्पभट्ट (आठवीं शती)
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सरस्वती स्तोत्र - बप्पभट्टि (आठवीं शती) वीरस्तव - वप्पभट्टि (आठवीं शती) श्रीपुर पार्श्वनाथ स्तोत्र - विद्यानन्द (आठवीं शती) श्री जिनसहस्रनाम स्तोत्र - जिनसेनस्वामी (नौवी शती) अजितशांति स्तव (प्राकृत ). - नंदिषेण (नौवीं शती) जिनशतक- जम्बूसूरि (943) शोभन स्तुति शोभनमुनि (970) ऋषभ पंचाशिका - धनपालकाश्यप (970 1015) भूपाल चतुविंशति गोल्लाचार्य भृपाल (985) भावना द्वात्रिंशिका -अमितगति (9751020 )
एकीभाव स्तोत्र ( कल्याण कल्पद्रुम) - वादिराज ( 1025) अध्यात्माष्टक स्तोत्र - वादिराज (1025)
जानलोचन स्तोत्र - वादिराज (1025) जिनशतक - रामनन्द ( 1028 ) ऋषिमण्डलस्तोत्र - मल्लिपंग (1047 ) पद्मावती स्तोत्रादिमल्लिषेण (1047) जिनशतक स्तोत्र वसुनन्दि (1045) पार्श्वनाथ स्तोत्र इन्द्रनन्दि ( लगभग 1050 )
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जयतिहु आण स्तोत्र ( प्राकृत ) -- अभयदेवसूरि (1063-79)
संवेग रंगशाला - जिनचन्द्रमृति (1063 ) अर्हनुतिमाल माघनन्दि मुनि (1100) चतुर्विंशतिस्तुति-माघनन्दित मुनि (1100) वीतरागस्तोत्र – हेमचन्द्राचार्य (110972) महादेवस्तोत्र - हेमचन्द्राचार्य (1109-72)
तुलसी प्रज्ञा अप्रैल-सितम्बर, 2002
अयोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशिका - हेमचन्द्राचार्य ( 1109-72 ) अन्ययोग व्यवच्छेद द्वात्रिंशिका - हेमचन्द्राचार्य ( 1107 72 ) प्राभातिक स्तुति मुनिचन्द्रसूरि ( 1111 16 ) चन्द्रनाथाष्टक - मौक्तिक (1120)
त्रैलोक्य चूडामणि स्तोत्र ब्रह्म शिव ( 1125 ) स्वाधिष्ठाय स्तोत्र - जिनदत्तसूरि (1125) वित्रविनाशिस्तोत्र जिनदत्तमूरि (1125)
ऋषिमण्डल स्तोत्र धर्मघोषसूरि (1125 ) कल्याणमंदिर स्तोत्र - कुमुदचन्द्राचार्य (1125) शंख देवाष्टक मानकीर्ति (1136-70)
चन्द्रप्रभु स्तुति – वाग्वल्लकी वैणिक (1143) पार्श्वनाथाष्टक - राजसेन (लगभग 1150) समवशरण स्तोत्र - विष्णु सेन (लगभग 1150) शतार्थी सर्वजिनपति स्तुति श्रीपाल कवि (1152 ) पार्श्वनाथ (लक्ष्मी) स्तोत्र पद्मप्रभ मलधारि (1167- 1217 ) आदिदेव स्तव - रामचन्द्रसूरि (1175-1200) मुनिवतदेव स्तव - रामचन्द्रसूरि (1175-1200) मिस्तव - रामचन्द्रसूरि ( 1175 1200 ) जिन स्तोत्र आदि रामचन्द्रसूरि ( 1175 1200 ) पार्श्वनाथ स्तोत्र विद्यानन्दि (1181) जिन स्तोत्र - आसड ( लगभग 1200) शक्रस्तव - सिद्धसेन (लगभग 1200) जिनपति स्तवन - - शुभचन्द्रयोगी (लगभग 1200 ) नवग्रह स्तोत्र - वादिराज द्वितीय (लगभग 1200 ) पद्माषानिर्मित पार्श्वजिन स्तवन -धर्मवर्द्धन ( लगभग 1200)
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समवशरण स्तोत्र - हस्तिमल्ल (1200-1225 ) संजीवन स्तोत्र हस्तिमल्ल (1200 1225 )
सहस्रनामस्तवन- आशाधर (1200-1250 )
सिद्धगण स्तोत्र --- आशाधर (1200-1250) सरस्वती स्तोत्र -- आशाधर (1200 1250 ) महावीर स्तुति - आशाधर (1200-1250 ) चिन्तार्माण स्तवन सोमदेव (1205) चतुविंशति जिनस्तवन - देवनन्दि (1225)
सिद्धिप्रिय स्तोत्र स्वयंभू पाठ - देवनन्दि (1225 ) चन्द्रनाथाष्टक - गुणवर्म (1235 ) जीरावल्लिपार्श्वनाथ स्तोत्र महेन्द्रसूरि (1237) तीर्थमाला स्तोत्र - महेन्द्रसूरि (1237) पार्श्वस्तव – पद्मप्रभ (1237)
भुवन- दीपक --- पद्मप्रभ (1237 )
चतुर्विंशति जिनस्तुति - नरचन्द्र ( लगभग 1250 ) गीतवीतरागप्रबंध - चारुकीर्ति (लगभग 1250) सुप्रबोधन स्तोत्र - वाग्भट (लगभग 1250) शम्भुस्तोत्र - रत्नकीर्ति (1275 )
श्री वीरनिर्वाणकल्याणक स्तोत्र - जिनप्रभ सूरि ( 1295-1333)
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