Book Title: Tulsi Prajna 2002 04
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 88
________________ संदर्भ ग्रंथ सूची 1. ऋग्वेद-1.84.2.6.34.1. 10.31.51, 8.27.21 शतपथ ब्राह्मण -----7.5.2.39 रामतापनीयोपनिषद् -30 निरुक्त ---- 7.1, 3.7 वही-7.11 वाल्मीकी रामायण बालकाण्ड 15/32. अयोध्याकाण्टु 65/3, युद्धकाण्ड 105/4,5 7. महाभारत शांतिपर्व 284/56, 337/3, भीष्मपर्व 23.2, 3 8. श्रीमद्भागवतगीता 11/21 9. विष्णुपुराण 20/14. श्रीमद्भागवतपुराण 3.12.37. 3.29.16, 4.9.15 10. श्रीमद्भागवत की स्तुतियों का समीक्षात्मक अध्ययन — डॉ. हरिशंकर पाण्डेय, पृष्ठ 55 11. तत्रैव, पृष्ठ 56 12. तत्रैव, पृष्ठ 57 13. तत्रैव पृष्ठ 58 14. संस्कृत काव्य के विकास में जैन कवियों का योगदान -... 'डॉ. नेमीचन्द शास्त्री, पृष्ठ 60 15. तत्रैव 16. पाणिनी अष्टाध्यायी 3.3.94 17. संस्कृत हिन्दी कोष - वामन शिवराम आप्टे, पृष्ठ 1135 36 18. तत्रैव 19. तत्रैव 20. अमर कोष 1.6.11 21. हलायुध कोश, पृष्ठ 725 22. बाणभट्ट के शब्दरत्नाकर शोक 1180 23. वैजयन्ती कोश 2.3.35 24. संस्कृत काव्य के विकास में जैन कवियों का योगदान – डॉ. नेमिचन्द शास्त्री, पृष्ठ 55 25. तत्रैव, पृष्ठ 68 26. स्तोत्रावली --- भूमिका, भू.ले. डॉ. रूद्रदेव त्रिपाठी, पृष्ठ 52 27. तत्रैव 28. संस्कृत काव्य के विकास में जैन कवियों का योगदान – डॉ. नेमिचन्द शास्त्री, पृष्ठ 68 29. आप्त परीक्षा, चीर सेवा मंदिर, सरसावा, 1947 ई. प्रस्तावना। 30. जिनसहस्रनाम स्तोत्र ---- पं. हीरालाल कृत हिन्दी अनुवाद, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, सन् 1954 31. स्तोत्रावली – भूमिका भू. ले. डॉ. रूद्रदेव त्रिपाठी, पृष्ठ 52 32. तत्रैव 33. तत्रैव 34. कल्याणमंदिर स्तोत्र, श्रीक 39, 41 तुलसी प्रज्ञा अप्रैल-सितम्बर, 2002 - - 85 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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