Book Title: Tulsi Prajna 1979 02
Author(s): Nathmal Tatia
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 10
________________ ३५६ ३६१ ३६४ ३७२ ३७४ ३७६ ३७७ ३७६ १८. अद्वैत भी, द्वत भी, एकादश रूप भी -गोपीचन्द चोपड़ा १६. युवाचार्य की नियुक्ति : आचार्य का महान् दायित्व -जबरमल भंडारी २०. मुनिश्री नथमल जी की बहुमुखी योग्यता का समुचित बहुमान -रतिलाल भाई २१. युवाचार्यश्री महाप्रज्ञ : आचार्यश्री तुलसी के दर्पण में —प्रस्तोता मुनि किशनलाल २२. युवाचार्य महाप्रज्ञ से एक भेंट —प्रस्तोता मुनि किशनलाल २३. युवाचार्य को नियुक्ति पर आचार्यश्री तुलसी के प्रति ____-मुनि नथमल (बागौर) २४. नाव से नाविक -मुनि नथमल (बागौर) २५. स्थितप्रज्ञ युवाचार्य -मुनि.छत्रमल २६. वे सारे संघ के शीर्षस्थ व्यक्ति बन गए —मुनि बुद्धमल २७. अपूर्व कलाकृति –मुनि दुलहराज २८. नया वायित्व, नये दायरे : युवाचार्यश्री महाप्रज्ञ -साध्वी कनकश्री २६. युवाचार्य की जय हो --मुनि रवीन्द्रकुमार ३०. अध्यात्म के प्रेरणा-सोत : युवाचार्य महाप्रज्ञ -मुनि विमलकुमार ३१. हे योगिराज : शत शत प्रणाम —लूनकरण विद्यार्थी . ३२. आज करें किसका अभिनन्दन -साध्वी मोहनकुमारी (श्री डूंगरगढ़) ३३. एक उपलब्धि -साध्वीश्री आनन्दश्री ३४. युवाचार्य महाप्रज्ञ की नियुक्ति : एक अभिनव इतिहास-प्रसंग --सोहनराज कोठारी ३५. संस्मरणों के प्रकाश में उस समय के मुनि नथमल : आज के युवाचार्य ___-मुनिश्री बुद्धमल ३६. मर्यादा महोत्सव : विशिष्ट उपलब्धि -साध्वी संघमित्रा ३८० ३८३ ३८४ ३८५ ३८७ ३८८ ३९३

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