Book Title: Tirth Darshan Part 1
Author(s): Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publisher: Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai

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Page 224
________________ शादी की थी । किसी समय यह स्थल अत्यन्त श्री अगाशी तीर्थ जाहोजलाली पूर्ण रहा होगा । तीर्थाधिराज श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान की प्रतिमा बहुत ही प्राचीन है जो कि तीर्थाधिराज * श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान, यहाँ के नालासुपारा के सरोवर में से प्रकट हुई थी पद्मासनस्थ, नील वर्ण, करीब 17 मीटर (श्वे. मन्दिर)। जिसे विक्रम सं. 1892 फाल्गुन कृष्णा 2 के शुभ दिन तीर्थ स्थल * अगासी गाँव के चालपेठ में । इस नवनिर्मित जिनालय में पुनः प्रतिष्ठित करवाया गया । प्राचीनता * इस तीर्थ की प्राचीनता का इतिहास नवपद आराधक राजा श्रीपाल के समय से प्रारम्भ हुआ विशिष्टता * कहा जाता है कि जब मोतीसा सेठ माना जाता है । किसी समय यह स्थल सोपारक नगर का जहाज समुद्र के बीच भारी तूफानों में फंस गया का अंग रहा होगा । सोपारक नगर पश्चात् नालासुपारा था, उस समय उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि जिस स्थान पर के नाम से प्रचलित हुआ होगा । सोपारक नगर के यह जहाज बचकर निकलेगा, उसी जगह जिन मन्दिर राजा गुणवन्त की इकलौती शोभावन्त पुत्री तिलकसुन्दरी बनवाऊँगा । दैवयोग से जहाज निर्विघ्न बचकर को सर्प के डसने पर राजा श्रीपालजी ने नवपद की निकला उसी स्थान पर मोतीसा सेठ ने निर्णयानुसार आराधना के प्रभाव से मृत्यु से बचाकर यहीं पर उससे इस भव्य जिन मन्दिर का निर्माण करवाकर यहाँ के निकट 'नाला सुपारा' सरोवर में से प्रकट उक्त भव्य प्रतिमाजी को इस नवनिर्मित मन्दिर में उल्लास व विधिपूर्वक प्रतिष्ठित करवाया । अन्य मन्दिर * वर्तमान में यहाँ पर एक और मन्दिर है । इस मन्दिर में श्री सुपार्श्वनाथ और श्री नेमिनाथ भगवान की दो प्राचीन प्रतिमाएँ भी हैं । __कला और सौन्दर्य * मन्दिर में विराजित प्रतिमाएँ अपनी प्राचीनता एवं कलात्मकता के कारण दर्शनीय हैं । साथ ही नाला सुपारा का तालाब पुरातत्व की दृष्टि से अपना विशेष महत्व रखता है । मार्ग दर्शन * यह तीर्थ स्थल थाना जिले में वसही तालुका के विरार गाँव से लगभग 6 कि. मी. की दूरी पर है । विरार रेल्वे स्टेशन से आटो टेक्सी की सुविधा उपलब्ध है । मुम्बई से विरार के लिये लोकल ट्रेन की सुविधा है । यहाँ से मुम्बई 65 कि. मी. थाना 42 कि. मी. व सूरत लगभग 210 कि. मी. दूर है। सुविधाएँ * ठहरने के लिए मन्दिर के निकट ही धर्मशाला है, जहाँ पर पानी, बिजली, बर्तन, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र, भोजनशाला एवम् भाते की भी सुविधाएँ उपलब्ध है। पेढी * श्री अगासी जैन देरासर एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट, चालपेठ, पोस्ट : अगासी - 401 301. मार्ग : विरार, जिला : थाना, प्रान्त : महाराष्ट्र, श्री अगाशी तीर्थ फोन : 0250-587183. 220

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