Book Title: Tirth Darshan Part 1
Author(s): Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publisher: Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai

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Page 228
________________ से किया हुआ है । यहाँ पर कई दिगम्बर आचार्यों के श्री दहीगाँव तीर्थ तैल चित्र लगे हुए हैं, जो दर्शनीय हैं ।। ___ मार्ग दर्शन * यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन तीर्थाधिराज * श्री भगवान महावीर, पद्मासनस्थ, पण्डरपुर है जो 64 कि. मी. की दूरी पर स्थित है । श्याम वर्ण, 2.44 मी. (आठ फुट) (दि. मन्दिर) । यहाँ से लोणन्द 70 कि. मी. की दूरी पर है । सड़क तीर्थ स्थल * दहीगांव के मध्य । मार्ग द्वारा सतारा से 129 कि. मी. बरामती से 28 प्राचीनता * इस तीर्थ का पुनः निर्माण होकर विक्रम । कि. मी. व सोलापुर से 140 कि. मी. है । तीर्थ स्थल संवत् 1910 में पण्डितजी गुणचन्द्रजी के द्वारा प्रतिष्ठापना पहुँचने के लिए नातापोता होकर आना पड़ता है, जो संपन्न हुई थी। लगभग 5 कि. मी. की दूरी पर है । विशिष्टता * यहाँ पर परमपूज्य महतीसागर जी सुविधाएँ * ठहरने के लिए धर्मशाला है, जहाँ महाराज की चरणपादुकाएँ हैं जिनकी प्रतिष्ठा विक्रम बिजली, पानी, बर्तन, की सुविधा है । पूर्व सुचना पर संवत् 1889 कार्तिक कृष्णा 2 को हुई थी । कहा भोजन की भी व्यवस्था हो सकती है । जाता है यह चमत्कारी स्थल है व यहाँ पर ध्यान पेढ़ी * श्री महावीर स्वामी दिगम्बर जैन अतिशय धरने से भक्तगणों के मानसिक एवं शारीरिक क्लेश दूर क्षेत्र, होते हैं । पोस्ट : दहीगाँव - 413 122. तालुका : मालसिरस, अन्य मन्दिर * वर्तमान में इसके अतिरिक्त यहाँ पर जिला : सोलापुर, प्रान्त : महाराष्ट्र, और कोई मन्दिर नहीं है । फोन : 02185-77282. कला और सौन्दर्य * मन्दिर की दीवारों पर प्राचीन चित्रकारी का काम प्रभावकारी एवं सुन्दर ढंग मन्दिर का दूर दृश्य-दहीगाँव 224

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