Book Title: Tattvopapplavasinha
Author(s): Sukhlal Sanghavi
Publisher: Z_Darshan_aur_Chintan_Part_1_2_002661.pdf

View full book text
Previous | Next

Page 1
________________ तत्वोपप्लवसिंह चार्वाक दर्शनका एक अपूर्व ग्रन्थ | गत वर्ष, ई० स० १६४० में, गायकवाड ओरिएण्टल सिरीजके ग्रन्थाङ्क ८७ रूपमें, तत्त्वोपप्लवसिंह नामक ग्रन्थ प्रकाशित हुआ है जो चार्वाक दर्शन के विद्वान् जयराशि भट्टकी कृति है और जिसका सम्पादन प्रो० रसिकलाल सी० परीख तथा मैंने मिलकर किया है । इस ग्रन्थ तथा इसके कर्ताके विषय में ऐसी अनेक महत्त्वपूर्ण बातें हैं जिनकी जानकारी दर्शन - साहित्य के इतिहासज्ञोंके लिए तथा दार्शनिक प्रमेयोंके जिज्ञासुनोंके लिए उपयोगी एवं रसप्रद हैं । उक्त सिरीज में प्रकाशित प्रस्तुत कृतिकी प्रस्तावनायें, ग्रन्थ तथा उसके कर्ता के बारे में कुछ आवश्यक जानकारी दी गई है; फिर भी प्रस्तुत लेख विशिष्ट उद्देश्य से लिखा जाता है। एक तो यह कि वह मुद्रित पुस्तक सबको उतनी सुलभ नहीं हो सकती जितना कि एक लेख । दूसरी, वह प्रस्तावना अंग्रेजी में लिखी होनेसे अंग्रेजी न जाननेवालों के लिए कार्यसाधक नहीं। तीसरी, खास बात यह है कि उस अंग्रेजी प्रस्ताबनामें नहीं चर्चित ऐसी अनेकानेक ज्ञातव्य बातोंका इस लेख में विस्तृत ऊहापोह करना है । तत्त्वोपप्लव सिंह और उसके कर्ता के बारेमें कुछ लिखनेके पहले, यह बतलाना उपयुक्त होगा कि इस ग्रन्थकी मूल प्रति हमें कब, कहाँ से और किस तरहसे मिली | करीब पन्द्रह वर्ष हुए, जब कि मैं अपने मित्र पं० बेचरदासके साथ अहमदाबाद के गुजरात पुरातस्त्र मन्दिर में सन्मतितर्कका सम्पादन करता था, उस समय सम्मतितर्ककी लिखित प्रतियोंकी खोजकी धुन मेरे सिरपर सवार थी। मुझे मालूम हुआ कि सन्मतितर्ककी ताडपत्रकी प्रतियाँ पाटण में हैं। मैं पं० बेचरदास के साथ वहाँ पहुँचा । उस समय पाटण में स्व० मुनिश्री हंसविजयजी विराजमान थे । वहाँ के ताडपत्रीय भण्डारको खुलवानेका तथा उसमें से इष्ट प्रतियों के पा लेनेका कठिन कार्य उक्त मुनिश्रीके ही सद्भाव तथा प्रयत्नसे सरल हुआ था । सन्मतितर्क की ताडपत्रीय प्रतियोंको खोजते व निकालते समय इम लोगों का ध्यान अन्यान्य अपूर्व ग्रन्थों की ओर भी था। पं० बेचरदासने देखा कि उस एकमात्र ताडपत्रीय ग्रन्थोंके भण्डारमें दो ग्रन्थ ऐसे हैं जो अपूर्व हो कर जिनका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 ... 31