Book Title: Tattvasangraha Part 02 Author(s): Dwarikadas Shastri Publisher: Bauddh Bharati View full book textPage 7
________________ प्रकाशकीयम् नेदं स्वान्तसुखार्थिना, न च मया स्वीयप्रतिष्ठार्थिना, मित्रक्षोणिधनार्थिना न विषय व्यापारमूढात्मना। अत्यर्थं परनिन्दनं प्रतिदिनं श्रुत्वा परिश्रम्यते'विद्या पूर्वजसञ्चिता जनहितं कर्तुं प्रभूयादि' ति॥ -बौद्धभारतीपर्षदध्यक्षःPage Navigation
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