Book Title: Tattvarthvrutti
Author(s): Jinmati Mata
Publisher: ZZZ Unknown
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मार्गदर्शक :- अतत्वार्थपूनावादावामानाबग्रनुक्रमः
४॥३४
८१९
५]४८।२४ ८६
७२१ १।१२ ५।३२
७]३३% ७/३४
२१३०
११६
| अनन्त
अनन्तगुण काय
६४:८1९
अनन्तर अकषाय ( वेदनीय) नवभेद
अनन्तवियोजक कामनिर्भग
अनन्तसमय श्रगारिन्
७/१६६७२०
अनन्तानन्तप्रदेश अगुरुलधु
८.११
अनन्तानुबन्धी अग्निकुमार
४६०
अनपा अग्निशिखायन्
अनर्थदण्डविदि अपाङ्ग
८।११
अनर्थान्तर अनक्षप.
८७
अनार्विन म्युत
४।१९:४।३६ श्रीध
११४:५/१:६/७
अनशन अजारानाथ
अनादर २१५२।६।९:९।१३
अनादिस मान्य श्रज्ञान अयु
५११५:५२५:५।२७७२ अनाहारक अशुव्रत
१२०
अनिासत
अनित्य अण्डज
२३३ अतिथिसंविभाग
अनिन्द्रिय अनिभारारोपया
१२५
अनीक
अनक अनीचार
७२३ अदत्तादान प्रदर्शन
९।१११४ शनुचिन्तन अधोऽधः
अनुल्सेक ५/१:१/८:१६५१ अनुप्रक्षा अधिवः ४/२०.४।२: ३१:४।३६:४।३९:३७
अनुभव अधिकरण
अनुभाग अत्रिकरण विशेष
अनुमत
अनुवीचिभागमा অশ্বিন।
अनुणि अवीव्यतिक्रम
अनुत अनगर
१९ अन्तविपनि अनङ्गकोड़ा
७/२८ अन्तर
२७ १।१९:२२१
७/२१
७१३८
७/१५ ! अनुग्रहार्य
अधर्म
बा२६ ९/२:९/०१/२५
ना२१ ८॥३ ६८
२।२६ ७।१४; ९/३५
१८१०/९

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