Book Title: Tattvarthvrutti
Author(s): Jinmati Mata
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 624
________________ ५२४ दान दास दासी दिक्कुमार दिमत दुःख दुःपक्काहार देव देवकुरवक देवकुरु देवी देश देशविरत देशत्रत देह here ar देव श्रुति द्रव्य द्रव्याश्रय द्रव्येन्द्रिय द्रव्यलक्षण द्रव्यविशेष धन धर्म द्विचरम द्वितीय द्वितीयादि द्विपस्योपमस्थिति चीन्द्र श्रीन्द्रियादि द्वीप मार्गदर्शक : कुमार -समुद्र द्वेष .धिकादिगुण धर्मास्तिकाया भाव धर्मोपदेश धर्मवाख्यातत्व वृत्त २९४१ ६ | १२:७११८: ८:१३ | धर्म्य १२९ ७१२९ ४|१० ७।२१ ११२०; ६.११; ७ १० ध ७१३५ १।२१ २३४ २/५१, ४|१: ६ |१३ ३।२९ ३/३७ ३.१९ T आचार्य श्री सुविधिसाग महाराज ६ / ३४; ६३५ ७१२१ ગર ६ २०; ८ १० ४/२० १५ १ २६५२५३८ ५१४१ । २।१७ ५।२६ ७३९ धातकीखण्ड २११४ Ylis ४।१० धान्य धारणा धूमप्रभा धृति ध्यान घट श्रीव्य ३/७ 1914 ५३७ नदी | नपुंसक -वेद नय नरक नरकान्ता नव नवभेद नवतिशतभाग ! नाग ४/२६ ९।४२ : नारम्य नाम ४१३५ | नाम (प्रत्यय) શર× नारक ४/६ -कुमार नारकायुष् नारी निःशल्य निःशील तत्व निक्षेप (चतुर्भेद ) नित्य नित्यगति निदान ७१२९ निद्रा ५|१:५|८;५।१३;५|१७६ १३ ६ २९१६ निद्रानिद्रा १०१८ | निबन्ध ६/२५ नियपभोग ९/७ | निर्गुण न ६/२८६३६ ३/२३ अरह १।१५ ३/४ ३।१६ ६/२०१६/२१६/२७ ५११६ ५/३० ४।१२ ३।२३ २५० दा५ ११६,६१३३ ३२ ३१२० १११६,४/३१,४/३२:८४५ १|५६६।२२:८१४६८|१६८/१९८१२५ १९१२१६२३८४२१५०६३/६४/१५८/१० २२ ३३२ ४२८ ४|१० ६६९११५ દ્વારક ६।१५ $120 09122 ६।१६ ६/९ ३३ ५४ ५/३१ ४|१३ ७१३७ ९१३३ ८७ ८७ ११२६ २४४ ५/४१

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