Book Title: Tap Sadhna Vidhi Ka Prasangik Anushilan Agamo se Ab Tak
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ सज्जन मन की आवाज कर्म ग्रन्थियों को जलाने के लिए विषय-कषायों को तपाने के लिए विदेह अवस्था को पाने के लिए आत्म स्वरूप को संवारने के लिए शारीरिक स्वस्थता में, मानसिक स्थिरता में आध्यात्मिक उत्थान में, भाव रोगों के निदान में संयम रस के पान में, मुक्ति सोपान में तीर्थंकरों द्वारा प्रछपित गुरुजनों द्वारा सेवित मुमुक्षुओं द्वारा आराधित भव्य जनों द्वारा वांछित श्रेष्ठतम तप मार्ग पर सधी अग्रसर हों सेसी मंगल गूंज के साथ... reERS -

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 316